नई दिल्ली । खेल प्रशासक अनिल खन्ना अखिल भारतीय टेनिस संघ (एआईटीए) के अध्यक्ष पद की उम्मीदवारी से हट गये हैं। उन्होंने गुरूवार को खेल संहिता के अनुसार ‘दो कार्यकाल के बीच में अंतराल’ की अस्पष्टता का हवाला देते हुए अध्यक्ष पद की उम्मीदवारी से हटने का पफैसला किया।
खन्ना को तीन सितंबर को इंदौर में हुई एआईटीए की आम सालाना बैठक में दूसरे कार्यकाल 2012 से 2016 तक के लिये अध्यक्ष चुना गया था। हालांकि वह एआईटीए के आजीवन अध्यक्ष बन गये थे।
एआईटीए और खेल मंत्रालय के बीच टकराव खन्ना के 2012 में अध्यक्ष बनने के बाद से ही चल रहा है। इससे पहले वह लगातार दो कार्यकाल तक महासचिव रहे थे।
सरकार का कहना है कि खन्ना ने अध्यक्ष के तौर पर चुने जाने से पहले चार साल के अनिवार्य ‘अंतराल कूलिंग आॅपफ’ का पालन नहीं किया लेकिन एआईटीए का कहना है कि उन्होंने महासचिव के तौर पर दोबारा चुनाव नहीं लड़ा और ऐसे कोई निर्देश नहीं है कि एक व्यक्ति जो महासचिव पद पर रह चुका हो, वह ‘कूलिंग आॅफ’ समय के बिना अध्यक्ष नहीं बन सकता। हालांकि मंत्रालय अपने तर्क पर कायम है और इसके परिणामस्वरूप एआईटीए की हाल में मान्यता रद्द कर दी गयी थी।