1317 LT teachers will be deployed in one month
प्रदेश के दूरस्थ क्षेत्रों के विद्यालयों में दी जायेगी प्रथम नियुक्ति
विभागीय अधिकारियों को निर्देश, नियत समय पर हो कार्रवाई
देहरादून। 1317 LT teachers will be deployed in one month उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग द्वारा सहायक अध्यापक (एलटी) पद पर चयनित 1317 शिक्षकों को एक माह के भीतर नियुक्ति दी जायेगी। विभिन्न विषयों में चयनित इन शिक्षकों को प्रदेश के दूरस्थ क्षेत्रों के विद्यालयों में प्राथमिकता के आधार पर प्रथम तैनाती दी जायेगी। इसके लिये विभागीय अधिकारियों को सभी आवश्यक तैयारियां शीघ्र पूरी करने के निर्देश दे दिये गये हैं।
सूबे के विद्यालयी शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने मीडिया को बताया कि पर्वतीय जनपदों के दूरस्थ क्षेत्रों के राजकीय विद्यालयों में एक माह के भीतर एलटी शिक्षकों की नियुक्ति कर दी जायेगी। उन्होंने बताया कि उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग द्वारा विभिन्न विषयों के 1317 एलटी शिक्षकों का अंतिम चयन परिणाम जारी कर दिया गया है। जिनमें गणित विषय में 153, सामान्य 237, विज्ञान 197, वाणिज्य 15, संस्कृत 21, उर्दू 1, इंग्लिश 164, हिन्दी 179, कला 229, संगीत 8, गृह विज्ञान 13 और व्यायाम विषय में 100 शिक्षकों का चयन किया गया है।
डॉ. रावत ने बताया कि इन सभी चयनित शिक्षकों की प्रथम तैनाती गढ़वाल व कुमाऊं मण्डल के पर्वतीय एवं दुर्गम विद्यालयों में अनिवार्य रूप से की जायेगी। जिसमें गढ़वाल मंडल में चमोली, रूद्रप्रयाग, पौड़ी, टिहरी और उत्तरकाशी जनपद तथा कुमाऊं मण्डल में पिथौरागढ़, चम्पावत, बागेश्वर, अल्मोड़ जनपद के दुर्गम और अति दुर्गम श्रेणी के विद्यालय शामिल है।
इसके अलावा देहरादून जनपद के चकराता ब्लॉक और नैनीताल जनपद के ओखलकाण्डा ब्लॉक के दुर्गम विद्यालयों में भी चयनित शिक्षकों को प्रथम तैनाती दी जायेगी। जिसके निर्देश विभागीय अधिकारियों को दे दिये गये हैं। डॉ. रावत ने बताया कि माध्यमिक शिक्षा विभाग द्वारा 12 विभिन्न विषयों के 1544 रिक्त पदों का अधियाचन सेवा चयन आयोग को भेजा गया था। जिसके सापेक्ष आयोग ने मण्डल व शाखावार 1317 पदों पर अंतिम चयन परिणाम जारी किया जबकि अवशेष पदों का चयन परिणाम न्यायालय में योजित याचिका के निस्तारण के उपरांत जारी किया जायेगा।
डा. रावत ने कहा कि सरकार का मकसद प्रदेश के पर्वतीय क्षेत्रों के विद्यालयों में शत-प्रतिशत शिक्षकों की नियुक्ति सुनिश्चित करना है, ताकि इन विद्यालयों में शैक्षणिक गतिविधियों में और अधिक सुधार हो और छात्र-छात्राओं को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा मिल सके। नये शिक्षकों की नियुक्ति से जहां स्थानीय स्तर पर शिक्षा व्यवस्था सुदृढ़ होगी वहीं छाघ्त्र-छात्राओं को भी पढ़ाई के लिये अन्यत्र विद्यालय नहीं जाना पड़ेगा।