140 crore approved for tourism development
वाइब्रेंट विलेज योजना के तहत गुंजी, नीति, मलारी, माणा गांवों का हुआ चयन
देहरादून। 140 crore approved for tourism development प्रदेश में पर्यटन विकास हेतु राज्य सरकार के प्रयासों और केंद्र सरकार के सहयोग से स्वदेश दर्शन योजना-2.2 के तहत उत्तराखंड के पिथौरागढ़ और चंपावत जनपदों में पर्यटन अवस्थापना सुविधाओं को विकसित करने के लिए भारत सरकार ने 140 करोड रुपए की धनराशि स्वीकृत की है।
प्रदेश के पर्यटन, धर्मस्व एवं संस्कृति मंत्री सतपाल महाराज ने जानकारी देते हुए बताया कि भारत सरकार की स्वदेश दर्शन योजना 2.2 के अंतर्गत पिथौरागढ़ और चम्पावत जनपदों में पर्यटन अवस्थापना सुविधाओं के विकास हेतु 140 करोड रुपए की धनराशि स्वीकृत की गई है।
इसके तहत प्रथम चरण में 70 करोड़ की लागत से पिथौरागढ़ स्थित आदि कैलाश, गुंजी आदि क्षेत्रों में इंफ्रास्ट्रक्चर तैयार करने के साथ-साथ मैनेजमेंट प्लांट तैयार किया जाएगा।
पर्यटन मंत्री ने कहा कि जनपद में बॉर्डर टूरिस्ट को बढ़ावा देने के साथ-साथ खालिया टॉप में स्कीईंग, पंचाचुली पीक, बिर्थी वाटरफॉल सहित मुनस्यारी, मदकोट, जौलजीबी पाताल भुवनेश्वर आदि स्थलों का पर्यटन की दृष्टि से विकास कर इको टूरिज्म एवं एडवेंचर टूरिज्म के लिए भी प्लान तैयार किया जाएगा।
मलारी और माणा का भी चयन किया गया
पर्यटन मंत्री श्री महाराज ने कहा कि पिथौरागढ़ जनपद की तरह ही जनपद चंपावत में 70 करोड़ की धनराशि से स्वदेश दर्शन योजना 2.2 के अंतर्गत कल्चर एवं हेरिटेज टूरिज्म को बढ़ावा देने के लिए पूर्णागिरि, एबॉट माउंट, नंदा दूर सेंचुरी अद्वैत आश्रम मायावती में पर्यटकों के लिए अनेक सुविधाएं विकसित की जाएंगी।
जनपद के चूका क्षेत्र में इको हेरिटेज एवं एडवेंचर गतिविधियों को भी इस योजना के माध्यम से बढ़ावा दिया जायेगा। श्री महाराज ने कहा कि भारत सरकार की वाइब्रेंट विलेज योजना के तहत प्रदेश के 4 गांवों गुंजी, नीति, मलारी और माणा का भी चयन किया गया है।
इन चारों वाइब्रेंट विलेज पुलिस में पाउडर टूरिज्म को बढ़ावा देने के साथ-साथ रिवर्स माइग्रेशन एवं स्थानीय लोगों को रोजगार के साथ-साथ वहां की आर्थिक को सुधारने का प्रयास किया जाएगा।
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