चुने गए 70 विधायकों में से 20 ग्रेजुएट, तीन आठवीं पास

20 out of 70 elected MLAs graduate

20 out of 70 elected MLAs graduate

देहरादून। 20 out of 70 elected MLAs graduate उत्तराखंड के विधानसभा चुनाव में मतदाताओं ने इस बार सबसे ज्यादा 20 ऐसे विधायक चुने हैं, जो स्नातक हैं। दो विधायक ऐसे भी चुने गए हैं, जो केवल साक्षर यानी पढ़े-लिखे हैं।

चुने गए 70 विधायकों में इस बार 20 ग्रेजुएट हैं। 15 विधायक पोस्ट ग्रेजुएशन पास हैं। चार विधायक डॉक्टरेट हैं। दो विधायक साक्षर, तीन आठवीं पास, आठ 10वीं पास और नौ 12वीं पास हैं। नौ विधायक ऐसे भी चुने गए हैं, जो ग्रेजुएशन प्रोफेशनल कोर्स धारक हैं।

माना जा रहा है कि इतने पढ़े-लिखे विधायक विकास का नया खाका खींचेंगे। प्रदेश में इस बार चुने गए विधायकों में सबसे बड़ी संख्या 51 से 60 आयु वर्ग वालों की है जबकि सबसे कम दो विधायक इस बार 71 से 80 साल के चुने गए हैं।

इस बार 51 से 60 आयु वर्ग के सर्वाधिक 29 विधायक चुने गए हैं। 61 से 70 आयु वर्ग के 23 विधायक सदन में पहुंचेंगे। 31 से 40 आयु वर्ग के सात विधायक, 41 से 50 आयु वर्ग के नौ विधायक और 71 से 80 आयु वर्ग के दो विधायक चुने गए हैं।

सबसे गरीब तीन विधायकों में दुर्गेश्वर लाल पहले पायदान पर

इस बार विधानसभा में चुनकर पहुंचे प्रदेश के शीर्ष तीन करोड़पति विधायकों में सतपाल महाराज पहले नंबर पर हैं जबकि सबसे गरीब तीन विधायकों में दुर्गेश्वर लाल पहले पायदान पर है।

87 करोड़ से ऊपर की संपत्ति के साथ भाजपा के चौबट्टाखाल विधायक सतपाल महाराज पहले नंबर पर हैं। 54 करोड़ की आय संपत्ति के साथ खानपुर के निर्दलीय विधायक उमेश कुमार दूसरे स्थान पर हैं जबकि 44 करोड़ से ऊपर की आय संपत्ति के साथ काशीपुर के भाजपा विधायक त्रिलोक सिंह चीमा तीसरे स्थान पर हैं।

सबसे गरीब विधायकों के नजरिए से देखें तो छह लाख से अधिक आय संपत्ति के साथ पुरोला से भाजपा विधायक दुर्गेश्वर लाल पहले स्थान पर हैं। इसके बाद 11 लाख आय संपत्ति के साथ गंगोत्री के भाजपा विधायक सुरेश सिंह चौहान दूसरे और 12 लाख से अधिक संपत्ति के साथ ज्वालापुर से कांग्रेस विधायक रवि बहादुर तीसरे स्थान पर हैं।

काशीपुर विधायक त्रिलोक सिंह चीमा पर सर्वाधिक नौ करोड़ से ऊपर की देनदारी है। रुड़की के भाजपा विधायक प्रदीप बत्रा तीन करोड़ से ऊपर देनदारी के साथ दूसरे स्थान पर हैं। प्रतापनगर से कांग्रेस विधायक विक्रम सिंह नेगी भी तीन करोड़ से ऊपर की देनदारी के साथ प्रदेश में तीसरे स्थान पर हैं।

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