पांच साल बाद 51 मदरसों को मिली मान्यता

51 madrasas got recognition
मुफ्ती शमून कासमी, अध्यक्ष उत्तराखंड मदरसा बोर्ड।

देहरादून। 51 madrasas got recognition उत्तराखंड मदरसा बोर्ड की मान्यता समिति की बैठक लंबे अंतराल (करीब पांच साल) के बाद आयोजित की गई, जिसमें राज्यभर के मदरसों की मान्यता और नवीनीकरण से जुड़े अहम फैसले लिए गए। इस बैठक में कुल 51 मदरसों को मान्यता प्रदान की गई, जबकि 37 मदरसों को खामियां सुधारने के निर्देश दिए गए। साथ ही, मदरसों के नवीनीकरण से संबंधित पत्रावलियों पर भी विस्तृत चर्चा हुई।

उत्तराखंड मदरसा बोर्ड की यह बैठक कई मदरसों के लिए राहत भरी रही, वहीं कुछ मदरसों को सुधार के निर्देश मिले हैं। आगामी समय में जब 37 मदरसे अपनी खामियां दूर कर लेंगे, तो वे भी मान्यता प्राप्त कर सकते हैं। इसके अलावा, नवीनीकरण प्रक्रिया को भी तेज करने का निर्णय लिया गया है, जिससे मदरसों का संचालन और सुचारु रूप से हो सकेगा। मदरसा शिक्षा में सुधार और पारदर्शिता लाने की दिशा में यह बैठक एक महत्वपूर्ण कदम मानी जा रही है।

उत्तराखंड में पिछले पांच वर्षों से कोई नया मदरसा मान्यता प्राप्त नहीं कर सका था। कई मदरसों की फाइलें प्रक्रियाओं में उलझी हुई थीं, लेकिन इस बार समिति ने विस्तृत जांच के बाद 51 मदरसों को मान्यता देने का फैसला किया। समिति ने स्पष्ट किया कि जो मदरसे शैक्षणिक गुणवत्ता, भवन संरचना और प्रशासनिक मानकों पर खरे उतरे हैं, उन्हें ही मान्यता दी गई है। वहीं, जिन मदरसों में खामियां पाई गईं, उन्हें पहले अपनी कमियों को दूर करने के लिए निर्देश दिए गए हैं।

बैठक में पाया गया कि 37 मदरसे आवश्यक दस्तावेजों, भवन सुविधाओं या प्रशासनिक व्यवस्थाओं में कुछ कमियों के कारण फिलहाल मान्यता प्राप्त करने में असफल रहे हैं। इन मदरसों को बोर्ड ने समय सीमा के भीतर अपनी खामियां सुधारने और आवश्यक दस्तावेज जमा करने का निर्देश दिया है। बोर्ड ने स्पष्ट किया कि यदि ये मदरसे तय समय में अपनी कमियों को दूर कर लेते हैं, तो अगली बैठक में उन्हें भी मान्यता देने पर विचार किया जाएगा।

इसके अलावा, बैठक में पहले से संचालित मदरसों में से 59 मदरसों के नवीनीकरण (रिन्यूवल) प्रक्रिया पर भी विचार-विमर्श किया गया। बोर्ड ने निर्देश दिया कि सभी मदरसे समय पर अपनी नवीनीकरण प्रक्रिया पूरी करें और आवश्यक दस्तावेज ऑनलाइन व ऑफलाइन दोनों माध्यमों से जमा करें। बोर्ड ने यह भी सुनिश्चित करने को कहा कि मदरसा शिक्षा प्रणाली को और अधिक पारदर्शी और प्रभावी बनाया जाए, ताकि छात्रों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा मिल सके।

‘‘हम शिक्षा की गुणवत्ता को बढ़ाने और मदरसों की स्थिति सुधारने के लिए काम कर रहे हैं। जिन मदरसों को मान्यता दी गई है, वे सभी आवश्यक शर्तों को पूरा करते हैं। वहीं, जिन मदरसों में कमियां हैं, उन्हें सुधार का मौका दिया गया है। वही, उत्तराखंड सरकार और मदरसा बोर्ड मदरसा शिक्षा को आधुनिक बनाने और इसे मुख्यधारा की शिक्षा से जोड़ने के लिए लगातार प्रयासरत हैं। सरकार की ओर से मदरसों में बुनियादी ढांचे के विकास और पाठ्यक्रम में सुधार के लिए कई योजनाएं चलाई जा रही हैं…मुफ्ती शमून कासमी, अध्यक्ष उत्तराखंड मदरसा बोर्ड।

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