80 percent of Waqf properties not filed mutation
केंद्र-राज्य के वक्फ बोर्ड सोते रहे, माफियाओं की बल्ले-बल्ले
दान की जमीनों की हिफाजत में बरती गई लापरवाहीः खान
2004 से नही हुआ सर्वे, 15 बार भेजा जा चुका प्रस्ताव
देहरादून। 80 percent of Waqf properties not filed mutation निर्धन व वंचित वर्ग की सहायता को हमारे बुजुर्गों ने देश भर में खरबों रूपये की जायदादे दान (वक्फ) की थी, मगर केंद्रीय व राज्य वक्फ बोर्डो की नीन्द से अधिकतर जायदादे भू-माफियाओं के कब्जे में चली गई और हम सोते ही रह गये।
केंद्रीय वक्फ परिषद के सदस्य रईस खान पठान ने तल्ख लहजे में अपना दर्द बयान किया है। उत्तराखण्ड में लगातार हो रहे वक्फ जायदादों पर कब्जे की शिकायतों के बाद दिल्ली से देहरादून पहुंचे रईस खान पठान ने विगत दिवस मसूरी को दौरा किया था, जहा उनहे वक्फ की जमीनों को अवैध रूप से कब्जाने की शिकायते मिली थी।
शनिवार को उन्होने वक्फ बोर्ड-सीईओ के साथ बैठक करने का निर्णय लिया, बैठक में बोर्ड के 11 सदस्यों में से केवल एक नजमा खान ही पहुंच सकी, जिस पर उन्होने नाराजगी का इजहार किया। रईस खान पठान ने बोर्ड इंस्पेक्टर से पूछा की आपके पास कितनी जायदादे है, तो उन्होने बताया कि यूपी से 2053 सम्पत्तियां मिली थी, मगर वर्ष 2004 के बाद से सर्वे नही हुआ, इस लिये मौके पर कितनी जायदादे बची कहा नही जा सकता।
अभी तक सर्वे के लिये राज्य व केंद्र को 15 बार प्रस्ताव बना कर भेजा जा चुका है। एक सवाल के जवाब में सबसे चौकाने वाली बात सामने आई है, कि वक्फ बोर्ड के पास मौजूद सम्पत्तियों में से केवल 20 प्रतिशत का ही दाखिल-खारिज बोर्ड के पक्ष में हो सका है, 80 फीसदी जमीनों का म्यूटिशन कराने में बोर्ड नाकाम रहा है।
इस बात का खुलासा होने के बाद रईस खान पठान ने कहा कि यहा के बोर्ड ने न तो यूपी के बोर्ड के साथ तालमेल बिढ़ाया ओर न ही केंद्रीय वक्फ परिषद के साथ। जिसका फायदा यहां भू-माफिया उठा रहें है। यही हाल रहा तो उत्तराखण्ड में वक्फ की जमीनें समाप्त हो जाएगी। इस दौरान वक्फ बोर्ड सदस्य नजमा खान, इंस्पेक्टर मौहम्मद अली, नसीब पठान के पीएस आचल भाटिया आदि मौजूद रहे।
बोर्ड अध्यक्ष, सीईओ व सदस्यों के न पहुंचने पर बिफरे पठान
देहरादून। वक्फ बोर्ड की जमीनों पर हो रहे अवैध कब्जों की सच्चाई जानने को दिल्ली से देहरादून पहुंचे केेंद्रीय वक्फ परिषद के सदस्य रईस खान पठान उस वक्त बिफर पड़े जब उन्हे मालूम हुआ की उनकी बैठक में बोर्ड के 11 में से केवल एक ही सदस्य पहुंचे है। उन्होने कहा कि तीन दिन पहले बोर्ड अध्यक्ष, सीईओ व सभी सदस्योें को जानकारी दे दी गई थी, मगर अफसोस नजमा खान के अलावा कोई नही आया, उन्होने कहा की बोर्ड सदस्यों के इस आचरण से मालूम हो जाता है, कि उत्तराखण्ड वक्फ बोर्ड की बदहाली के लिये कोन जिम्मेदार है।
कलियर में ही है 370 अवैध कब्जे, 200 को भेजे नोटिस
देहरादून। उत्तराखण्ड वक्फ बोर्ड की जायदादे कब्जाने का आलम यह है कि अकेले कलियर शरीफ में ही 370 से अधिक अवैध कब्जे चिंहित किये गये है, जिनमें से 200 को खाली कराने के लिये नोटिस जारी किये जा चुके है। पूरे प्रदेश में बड़ी संख्या में अवैध कब्जेधारक जमीने कब्जाए हुए है।