मुस्लिम महिलाओं की ओर से पूरी पहने, नकाब करना या फिर अबिया चुनना न केवल धार्मिक बल्कि सामाजिक परंपराएं भी दर्शाता है।
लेकिन मुस्लिम महिलाओं से ऐसे कपड़े प्राथमिकता देने के संबंध में पश्चिमी और यूरोपीय देशों की ओर से हमेशा मुसलमान समाज, सरकारों और महिलाओं की अलोचनाएं की जाती है।
यहां तक कि आधुनिक और फैशन के अनुसार यूरोप और पश्चिमी देशों की कंपनियां भी अबिया और नकाब तैयार करने लगी हैं। मुस्लिम महिलाओं और विशेष रूप से सऊदी अरब में अबिया और बुर्के अधिक उपयोग करने पर दुनिया में हमेशा चर्चा होती रही है, दुनिया के कई देशों में सऊदी महिलाओं के कपड़े उनके चंगुल से तशबीह दी जाती है। स्वतंत्र समाज, थोड़ा धर्मनिरपेक्ष, अग्रिम और प्रबुद्ध समाज के लोग आबिया, बुर्के और नकाब कभी कभी महिलाओं के अधिकारों के खिलाफ भी करार देती हैं, और विचार है कि ऐसे वस्त्र महिलाओं पर थोपे गए हैं। लेकिन फिर सवाल यह है कि अगर आबिया और नकाब उतना ही कठिन है तो सऊदी महिलाओं उसका इस्तेमाल क्यों करती हैं? यह सवाल दुनिया के करोड़ों लोगों के मन में मौजूद है, जिसका हर कोई पहली प्रतिक्रिया यही देता है कि सऊदी महिलाएं ऐसा वहाँ की रूढ़िवादी सरकार की वजह से ही करती हैं। लेकिन सऊदी अरब फैशन उद्योग की सेलिब्रिटिज महिलाएं इसका जवाब अलग देती हैं।
हाल ही में मध्य पूर्व से संबंधित वाशिंगटन डीसी में स्थित एक सांस्कृतिक संस्था और सऊदी अरब किंग अब्दुल अजीज विश्वविद्यालय के सेंटर फॉर वुमेन की ओर से अमेरिकी शहर लॉस एंजिल्स में आबिया के जरिये सऊदी महिलाओं के फैशन को बढ़ावा देने के शीर्षक से कार्यक्रम आयोजित किया गया। इस कार्यक्रम में सउदी अरब फैशन उद्योग की अग्रणी महिला मैरी मोसाली ने सऊदी महिलाओं के फैशन और आबिया को प्राथमिकता देने के संबंध में चर्चा की।
मैरी मोसाली ने कार्यक्रम के दौरान फैशन और एन्टरटेनमेंट समाचार वेबसाइट हॉलीवुड रिपोर्ट पर भी बात की, और इस बात की वीडियो उन्होंने अपने इंस्टाग्राम अकाउंट पर शेयर की। मैरी मोसाली नीची अरबी नामक फैशन संस्थान की प्रमुख होने सहित कई फैशन मैगजीन में लिखती रहती हैं, जबकि उन्हें अरब फैशन में एक सलाहकार का भी महत्व प्राप्त है।
इस कार्यक्रम में मैरी मोसाली का कहना था कि जिस तरह दुनिया के अन्य देशों की महिलाएं अपनी पसंद के विशेष जूते, हाथ बैगज और कपड़ों को पसंद करती हैं, उसी तरह सऊदी अरब अधिकांश महिलाएं भी खुद आबिया पसंद करती हैं। मैरी मोसाली ने इस बात से इंकार नहीं किया कि सऊदी अरब की सरकार रूढ़िवादी है। उन्होंने कहा कि अधिकांश सऊदी महिलाएं आबिया अपना राष्ट्रीय वस्त्र समझकर पहनती हैं, और वह इसे पहन कर गर्व महसूस करती हैं, और वह अपने इस कपड़े को गर्व से दुनिया के आगे पेश करना चाहते हैं।
मैरी मोसाली ने बताया कि सऊदी अरब की महिलाएं आबिया के साथ दुनिया के अन्य आधुनिक फैशन भी अपनाते हैं, यह समझना गलत है कि वह आबिया पहनकर दुनिया के आधुनिक फैशन से बेखबर हैं। उनके अनुसार इतना जरूर है कि सऊदी अरब के विभिन्न शहरों में आबिया बाया विभिन्न डिजाईन पहने जाते हैं। उन्होंने बताया कि जेद्दा में सबसे आकर्षक, सुंदर और रंगीन आबिया का उपयोग होता है, जबकि राजधानी रियाद में उपयोग होने वाले अबियों में रूढ़िवादिता दिखती है।
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एक व्यावसायिक फैशन महिला मरियम मोसाली ने बताया कि उन्होंने कई नए यूरोपीय और पश्चिमी बातें सऊदी अरब में लागू करना, जिसे आबिया पहनने वाली महिलाओं में लोकप्रिय हुई, आबिया पहनने वाली महिलाओं पर विश्व फैशन से बाखबर हैं। इस कार्यक्रम में मैरी मोसाली सहित सऊदी अरब के 8 अन्य महिलाओं के फैशन डिजाईनर ने भी शिरकत की, जिन्होंने आबिया और महिलाओं की वरीयताओं से संबंधित मैरी मोसाली के विचारों से सहमत हुए।
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