सेवानिवृत्ति लाभ विधेयक के खिलाफ तहसील में गरजे मोर्चा कार्यकर्ता

Against retirement benefits bill
एसडीएम का घेराव करते जनसंघर्ष मोर्चा के कार्यकर्ता।
Against retirement benefits bill

विकासनगर। Against retirement benefits bill जनसंघर्ष मोर्चा कार्यकर्ताओं ने तहसील कार्यालय में ‘‘उत्तराखण्ड सेवानिवृत्ति लाभ विधेयक‘‘ के खिलाफ मोर्चा अध्यक्ष एवं जीएवीएन के पूर्व उपाध्यक्ष रघुनाथ सिंह नेगी के नेतृत्व में उपजिलाधिकारी का घेराव कर राज्यपाल को सम्बोधित ज्ञापन एसडीएम विकासनगर जितेन्द्र कुमार को सौंपा।

नेगी ने कहा कि प्रदेश के भिन्न-भिन्न विभागों यथा सिंचाई, लो0नि0वि0 इत्यादि विभागों में 30-35 वर्ष तक कार्य प्रभारित/तदर्थ इत्यादि रूप से की गयी सेवा के उपरान्त अधिवर्षिता आयु पूरी कर सेवानिवृत्त हुए कर्मचारियों के पेंशन इत्यादि मामले में उच्चतम न्यायालय व उच्च न्यायालय कई-कई बार फैसला दे चुका है, लेकिन सरकार उक्त आदेशों/निर्णयों के विरूद्व हाल ही में अप्रैल 2018 को उत्तराखण्ड सेवानिवृत्ति लाभ विधेयक ले आयी, जिससे इन कर्मचारियों की पेंशन मामले में हमेशा के लिए रोक लग गयी है।

न्यायालय द्वारा दी गयी व्यवस्था के अनुसार प्रदेश के वो सभी कर्मचारी पेंशन के हकदार होंगे, जिन्होंने 10 वर्ष की सेवा किसी भी अधिष्ठान में नियमित रूप से की हो। सरंकार द्वारा पारित विधेयक ‘‘उत्तराखण्ड सेवानिवृत्ति लाभ विधेयक 2018’’ की धारा 2क व ख में दी गयी व्यवस्था के अनुसार इन सेवानिवृत्त कर्मचारियों को मिलने वाली पेंशन का रास्ता हमेशा के लिए बन्द हो गया है।

कार्मिकों को किसी भी प्रकार की पेंशन नहीं मिलेगी

उक्त धारा 2क व ख में सरकार ने व्यवस्था दी है कि ‘‘ऐसे कार्मिक की सेवा जो पूर्णकालिक नियोजन की न हो तथा संविदा, अंशकालिक, दैनिक वेतनभोगी तदर्थ व नियत वेतन के रूप में की गयी सेवा करने वाले कार्मिकों को किसी भी प्रकार की पेंशन नहीं मिलेगी यानि इनको अर्ह नहीं माना जायेगा।

हैरानी की बात यह है कि प्रदेश के विधायक शपथ लेते ही पेंशन के पात्र हो जाते हैं, लेकिन इन गरीब कर्मचारियों के मामले में सरकार दोहरा मापदण्ड अपना रही है, जो कि सरासर गलत है। आलम यह है कि ये कर्मचारी आज दो वक्त की रोटी के लिए भी मोहताज हो गये हैं।

मोर्चा कार्यकर्ताओं ने महामहिम राज्यपाल से सेवानिवृत्त कर्मचारियों के पेंशन मामले में सरकार द्वारा लागू ‘‘उत्तराखण्ड सेवानिवृत्ति लाभ विधेयक 2018’’ की धारा 2क व ख को निरस्त/शिथिल करने हेतु सरकार को निर्देशित करने की मांग की।

घेराव/प्रदर्शन करने वालों में मोर्चा महासचिव आकाश पंवार, दिलबाग सिंह, रवि भटनागर, मौ0 असद, डाॅ0 ओपी पंवार, कुंवर सिंह नेगी, मौ0 नसीम, मौ0 इस्लाम, दिनेश राणा, ओ0पी0 राणा, रहवर अली, प्रवीण शर्मा पीन्नी, जयपाल सिंह, मामराज, जयदेव नेगी, जयकृत नेगी, सलीम मिर्जा, दरबान सिंह, गजपाल रावत, सुशील भारद्वाज आदि थे।

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