Amarmani Tripathi की दया याचिका निरस्त करने की मांग
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निधि शुक्ला ने आईजी जेल व जेलर की कार्यप्रणाली पर उठाये सवाल
देहरादून। स्व. मधुमिता शुक्ला की बहन निधि शुक्ला ने उनकी बहन मधुमिता शुक्ला हत्याकांड में उम्र कैद की सजा काट रहे अमरमणि त्रिपाठी की दया याचिका को निरस्त करने की मांग की है। उन्होंने उत्तराखंड के आईजी जेल व जेलर की कार्यशैली पर सवाल उठाते हुए कहा कि चार साल से उनका कैदी गायब है। Amarmani Tripathi हरिद्वार सेंट्रल जेल का कैदी है और वह गोरखपुर में पिछले चार साल से बाबा माधवदास मेडिकल कालेज में है।
उत्तरांचल प्रेस क्लब में पत्रकारों से बातचीत में निधि शुक्ला ने कहा कि जब उन्हें पता चला की अमरमणि त्रिपाठी व मधुमणि त्रिपाठी ने राज्यपाल डा. केके पाल के यहां दया याचिका प्रस्तुत की है, जिसमें उन्होंने उम्र एवं बीमारी का हवाला दिया है जो पूर्ण रूप से गलत है। उनका कहना है कि उन्होंने भी राज्यपाल के यहां दया याचिका के विरूद्ध पीड़ित परिजनों की याचिका प्रस्तुत की है और आशा की है कि राज्यपाल के यहां से उन्हें न्याय मिल जायेगा। उन्होंने राज्यपाल से दया याचिका को निरस्त करने की मांग की है।
उनका कहना है कि वह पिछले पन्द्रह सालों से इस केस को लड़ रही है और अब उनके पास केवल एक सोने की अंगूठी ही बची है। बाकि सब कुछ इस केस में बिक चुका है। इसके अलावा केवल अब उनके पास सौ बीघा भूमि ही बची है और इसे भी बेचना पडेगा तो वह बेचेंगी और इस केस में आखिरी दम तक न्याय की उम्मीद करेगी। उनका कहना है कि पिछले चार सालों से अमरमणि त्रिपाठी अपने गृह जनपद गोरखपुर में बाबा माधव दास मेडिकल कालेज से ही अपनी सल्तनत चला रहा है और यहां उत्तराखंड के आईजी जेल व जेलर को पता नहीं है कि उनका कैदी गायब है।
Amarmani Tripathi पर 33 आपराधिक मुकदमें दर्ज
उनका कहना है कि अमरमणि त्रिपाठी पर 33 आपराधिक मुकदमें दर्ज है और इस उम्र कैद के आरोपी को जेल बदर किये जाने की आवश्यकता है। उनका कहना है कि इस मामले में उत्तर प्रदेश सरकार भी किसी भी प्रकार की कोई कार्यवाही नहीं कर पा रही है और उन्हें उम्मीद थी की जिस प्रकार से उत्तर प्रदेश में योगी आदित्यनाथ मुख्यमंत्री बने है और अन्य अपराधियों की तरह अमरमणि त्रिपाठी को जेल बदर करेगी लेकिन ऐसा नहीं हुआ है और वह आज भी गोरखपुर के बाजार में खुले आम घूम रहा है, लेकिन उस पर किसी भी प्रकार की कोई कार्यवाही आज तक नहीं हो पाई है।
उनका कहना है कि अमरमणि त्रिपाठी उत्तराखंड का कैदी है तो वह किस आधार पर गोरखपुर में मेडिकल कालेज में रहकर अपना सारा काम काज कर रहा है। उनका कहना है कि इस मामले में अभी भी उन्हें न्याय की उम्मीद है। उनका कहना है कि उन्हें उम्मीद है कि राज्यपाल व गृह मंत्रालय उत्तराखंड से उन्हें न्याय की पूरी उम्मीद है। इस अवसर पर स्वर्गीय सारा सिंह की माता सीमा सिंह ने कहा है कि वह भी आज सुरक्षित नहीं है और इस केस से उन्हें बार बार हटने के लिए दवाब बनाया जा रहा है लेकिन जब तक न्याय नहीं मिलता है तब तक वह संघर्ष करती रहेगी।