इस बात में कोई संदेह नहीं है कि स्वस्थ रहने के लिए मनुष्य बहुत सारी कोशिशें करता है, लेकिन कुछ काम ऐसे भी होते हैं, जिन्हें अंजाम देने से आदमी स्वास्थ्य स्वतः बेहतर होती चली जाती है। ऐसे ही कामों में पशुपालन शामिल है, जैसे आजकल आधुनिक युग में कई लोग कुत्ते और बिल्लियों सहित अन्य जानवरों को पालते हैं।
लेकिन सवाल है कि पशुपालन और मानव स्वास्थ्य में सुधार होने का क्या संबंध है?
विशेषज्ञों ने इसी सवाल का जवाब जानने के लिए अनुसंधान, जिसमें पता चला कि वह व्यक्ति जो कुत्ते पालते हैं, वे आम लोगों की तुलना दैनिक 23 मिनट अधिक पैदल चलते हैं, जिस वजह से उनके स्वास्थ्य में सुधार होता है। विज्ञान जनरल बीएमसी में प्रकाशित एक रिपोर्ट के अनुसार ब्रिटेन के वाल्थन सेंटर फॉर पेट नीटोरेशन विशेषज्ञों ने कुत्ते पालने और किसी जानवर के बिना जीवन बिताने वाली व्यक्तियों के स्वास्थ्य की तुलना।
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विशेषज्ञों ने स्वयंसेवकों को 2 समूहों में विभाजित कर दिया, जिसमें एक समूह में 43 ऐसे स्वयंसेवी थे, जिन्होंने कुत्ते पाल रखे थे। दूसरे समूह में शामिल 43 स्वयंसेवी आम जीवन गुजार रहे थे। अनुसंधान के दौरान दोनों समूह के लोगों के रोज दैनिक दिनचर्या और मूवमेंट समीक्षा किया गया। समीक्षा परिणाम से पता चला कि जिन लोगों ने कुत्तों या अन्य जानवरों को पाल रखा है, वे अपने पशुओं को टहलाने हेतु आम लोगों की तुलना दैनिक न्यूनतम 23 मिनट अधिक चहलकदमी करते हैं।
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अनुसंधान कारों के अनुसार जो व्यक्ति कुत्ते या अन्य जानवरों को टहलाने का काम करते हैं, वे आम तौर पर दैनिक दूसरे इंसानों की तुलना 2 हजार 764 कदम अधिक चलते हैं। पशु न पालने वाले लोगों आमतौर पर दैनिक केवल 96 मिनट तक चहलकदमी करते हैं, जब कि कुत्ते पालने वाले लोगों न्यूनतम 119 मिनट तक पैदल घूमते हैं। रिसर्च के अनुसार कुत्ते या जानवरों को पालने वाले लोग न केवल अधिक चहलकदमी करते हैं, बल्कि वे अपने पशुओं को अन्य शारीरिक काम भी करते हैं, जबकि आम लोग ऐसा नहीं करते।
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और इसमें कोई संदेह नहीं कि अधिक घूमना और टहलने के लिए स्वास्थ्य के लिए अच्छा होता है। गौरतलब है कि विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार वयस्कों को सप्ताह में कम से कम 150 मिनट तक पैदल घूमने और टहलने सहित शारीरिक व्यायाम में भाग लेना चाहिए।