B.ed TET trainers
देहरादून। B.ed TET trainers प्राथमिक शिक्षक भर्ती सेवा नियमावली में बीएड वर्षवार ज्येष्ठता को सम्मिलित करते हुए संशोधित शासनादेश जारी किये जाने की मांग को लेकर बीएड टीईटी प्रथम प्रशिक्षित महासंघ ने राजधानी में जुलूस निकालकर मुख्यमंत्री आवास कूच किया।
पुलिस ने सुभाष रोड पर प्रदर्शनकारियों को बैरीकेडिंग लगाकर रोक दिया, इस दौरान उनकी पुलिस के साथ नोक-झोंक भी हुई। यहां महासंघ से जुड़े हुए प्रशिक्षित बेरोजगार प्रदेश अध्यक्ष राजीव राणा के नेतृत्व में धरना स्थल पर इकट्ठा हुए और प्राथमिक शिक्षक भर्ती सेवा नियमावली में बीएड वर्षवार ज्येष्ठता को सम्मिलित करते हुए संशोधित शासनादेश जारी किये जाने की मांग को लेकर बीएड टीईटी प्रथम प्रशिक्षित महासंघ ने राजधानी में जुलूस निकालकर मुख्यमंत्री आवास कूच किया।
पुलिस द्वारा जुलूस को रोके जाने पर उन्होंने वहीं पर नारेबाजी करते हुए धरना-प्रदर्शन किया। इस अवसर पर आयोजित सभा को संबोधित करते हुए वक्ताओं ने कहा कि प्राथमिक विद्यालयों में नियुक्ति हेतु गत वर्ष दिसम्बर माह प्रदेश सरकार द्वारा पच्चीस वर्षों से चली आ रही प्राथमिक शिक्षा सेवा नियमावली को संशोधित कर चयन प्रक्रिया में अनेक बिन्दुओं पर बदलाव किया है|
प्रशिक्षण वर्ष की ज्येष्ठता को आधार नहीं बनाया गया
जिससे प्रदेश के हजारों बीएड टीईटी प्रथम प्रशिक्षित बेरोजगार आहत है क्योंकि वर्तमान नियमावली में प्रशिक्षण वर्ष की ज्येष्ठता को आधार नहीं बनाया गया है और जबकि चयन प्रक्रिया में टीटी की श्रेष्ठता को नियुक्ति का आधार बनाया गया है जो बेरोजगारों के साथ धोखा है। वक्तओं ने कहा कि एनसीटीई ने सुप्रीम कोर्ट में अपेन एक हलफनामें यह स्पष्ट किया है कि टीईटी मात्र एक पालता परीक्षा और इसमें चयन का आधार नहीं बनाया जा सकता है जो कि न्याायिक सिद्धांतों के विरूद्ध है।
वक्ताओं ने कहा कि सरकार के इस तानाशाही निर्णय से आहत बेरोजगारों में रोष बना हुआ है और सरकार को अपने निर्णय में बदलाव करने की आवश्यकता है। वक्ताओं ने कहा कि प्राथमिक विद्यालयों में समस्त रिक्त पदों पर बीएड ज्येष्ठता और श्रेष्ठता के आधार पर वर्षवार शीघ्र विज्ञप्ति जारी करने की आवश्यकता है।
प्राथमिक शिक्षा सेवा नियमावली 2015 में सहायक अध्यापक चयन के लिए स्नातक में पचास प्रतिशत अंकों की बाध्यता रखी गई है जिसे पूर्व की भांति सिर्फ स्नातक उत्तीर्ण किया जाये और इसके अलावा चयन प्रक्रिया में विषयों की अनिवार्यता समाप्त कर पूर्ववर्ती नियमावली के तहत राज्य स्तरीय काउंसलिंग लागू की जाये।
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