शायरी : बहुत दिन हो गये शायद सहारा ढूंढ लिया उसने

Shayari

बहुत दिन हो गये शायद सहारा ढूंढ लिया उसने
हमारे बाद भी आखिर गुजारा कर लिया उसने
हमारा जिक्र तो उसके लबों पर आ नहीं सकता
हमें एहसास है हमसे किनार कर लिया उनने
भुला कर प्यार की कसमे वह वादे तोड़ कर सारे
किसी को जिंदगी से भी प्यार कर लिया उसने।।


सिराज तुझसा कोई बड़ा नसीब क्या होगा
तमाम उम्र वफा की और बेवफाई मिली
कि तूने ख्वाब तो देखने थे साथ रहने की
मगर नसीब था ऐसा कि बस जुदाई मिली
बना के छोड़ दिया तुझको इश्क का कैदी
यानी की जान गई और फिर रिहाई मिल।।

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