वह 4 बातें जो आपको शादी से पहले अपने हमसफर से तय कर लेनी चाहिए

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विवाह जैसे अहम निर्णय लेने के लिए एक विशेष विचार की जरूरत है, लेकिन कभी-कभी यह जल्दबाजी में तय किया जाता है, जिसका परिणाम बहुत अच्छा नहीं होता। विशेषज्ञों का कहना है कि यह फैसला सोच विचार के बाद किया जाना चाहिए न कि जल्दबाजी में। कुछ बातें शादी से पहले ही तये कर लेना बहुत जरूरी है, क्योंकि उनके आगे का जीवन पर काफी प्रभाव पड़ता है।
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शादी के बाद बच्चों का मामला एक ऐसी ही अहम बात है। हमारे समाज में घरवाले उम्मीद करते हैं कि जल्द से जल्द बच्चों की खुशियां देखें लेकिन कभी-कभी नव वर-वधू का जल्द माता-पिता बनने का इरादा नहीं होता, इसलिए इस मामले को पति के साथ पहले से ही तय कर लिया जाना चाहिए कि बच्चों के मामले में परिवार विचार करेगा या आपके निर्णय को प्राथमिकता दी जाएगी। पति या पत्नी के सामान्य विचार, और विशेष रूप से धार्मिक प्रवृत्ति एक-दूसरे से भिन्न हो सकती है, इसलिए यह तय करना भी महत्वपूर्ण है कि बच्चों के बारे में प्रशिक्षण का सिद्धांत क्या होगा।
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इसी तरह, आजकल अक्सर महिलाएं पेशेवर होती हैं इसलिए यह निर्धारित करना महत्वपूर्ण है कि बच्चे की परवरिश की जिम्मेदारी किसी तरह होगी और बच्चों को कौन कितना समय देगा, उनकी शिक्षा की निगरानी कौन करेगा एवं अन्य जरूरतों के लिए कैसे समय निकाला जायेगा। शादी से पहले आर्थिक मामलों को अक्सर छिपाकर रखा जाता है, जिसकी वजह से बाद में समस्याएं पैदा होती है। पत्नी एवं पति को  स्पष्ट रूप से पता होना चाहिए कि उनमें से एक की आमदनी कितना है और कौन से खर्च किसके जिम्मे होंगे। घरेलू व्यय और बच्चों की शिक्षा और प्रशिक्षण के खर्चों के लिए संयुक्त खाता बनाने के लिए एक उपयुक्त प्रक्रिया भी हो सकती है, जबकि अलग-अलग खातों से अपनी बचत सुरक्षित हो सकती है।
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बच्चों के आने के बाद अक्सर जोड़ों में पहले सा जोश व खरोश नहीं रहता और दूरी बढ़ जाते है। इस स्थिति से बचने के लिए, यह महत्वपूर्ण है कि बच्चों के जन्म के बाद भी, आपको दोनों को स्वयं का मौका देना चाहिए और एक-दूसरे को जानना और सुख दुःख साझा करना चाहिए। बच्चों की जिम्मेदारी पहली प्राथमिकता है, लेकिन अपने आप को अनदेखा न करें सुनिश्चित करें कि आप शादी के बाद की जिम्मेदारियों के बावजूद आप आपसी जोश व जज्बे को किस तरह बरकरार रखेंगे।