उत्तराखंड में निवेश के लिए बेहतर व अनुकूल माहौलः मंत्री गणेश जोशी

Better and favorable environment for investment in Uttarakhand
कार्यक्रम को संबोधित करते मंत्री गणेश जोशी।

देहरादून। Better and favorable environment for investment in Uttarakhand उत्तराखंड ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट में सहकारिता, खाद्य प्रसंस्करण, खेती बौर बागवानी सेक्टर में निवेश को लेकर आयोजित सत्र उत्तराखंड के पर्वतीय क्षेत्रों में अधिकाधिक निवेश करने के आह्वान के साथ संपन्न हुआ।

इस सत्र में खाद्य प्रसंस्करण को केन्द्र में रखते हुए इससे जुड़े मुद्दों पर प्रमुखता से चर्चा हुई। सहकारिता, खाद्य प्रसंस्करण, खेती बौर बागवानी सेक्टर में निवेश को लेकर आयोजित सत्र में बतौर प्रमुख वक्ता राज्य के कृषि मंत्री गणेश जोशी ने कहा कि उत्तराखंड में उद्यमियों को बिजली कटौती व फिरौती जैसी समस्याओं से नहीं जूझना पड़ता है। यहां पर निवेश के लिए बेहतर व अनुकूल माहौल है।

कृषि एवं बागवानी क्षेत्र को प्रोत्साहित कर राज्य की आर्थिकी को मजबूत किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि राज्य में सबसे उत्तम क्वालिटी के मिलेट उत्पादित होते हैं। राज्य सरकार ने मिलेट्स व ऑर्गेनिक उत्पादों को प्रोत्साहित करने के साथ ही बागवानी के विकास के लिए कारगर नीति बनाई है।

उत्तराखंड देश में तीसरा सबसे बड़ा सेब उत्पादक राज्य है। वर्ष 2025 तक सेब उत्पादन को दोगुना करने का लक्ष्य तय किया गया है। जिसके लिए जल्द फल देने वाली प्रजाति के हाई-डेंसिटी वाले सेब बागानों की स्थापना को बढ़ावा दिया जा रहा है।

राज्य में बेमौसमी सब्जी, फलों एवं फूलों के उत्पादन के लिए पचास हजार पॉली हाऊस स्थापित कराए जा रहे हैं। जिसके चलते यहां पर फूड प्रोसेसिंग व उससे जुड़े क्षेत्र के विकास व निवेश की प्रुचर संभवनाएं हैं। कई उद्यमी इस सेक्टर में निवेश हेतु आगे आए हैं।

सरकार उनको पूरा समर्थन व सहयोग देगी। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी स्वयं राज्य के ब्रांड एंबेसडर की भूमिका में दिखे हैं, जिसके बेहद सार्थक परिणाम सामने आए हैं। इससे राज्य और निवेशक दोनों को फायदा मिलना तय है।

कार्यक्रम में राज्य के कैबिनेट मंत्री सौरभ बुहुगुणा ने कहा कि राज्य की बहुसंख्यक आबादी की आजीविका पशुपालन, मत्स्यपालन तथा डेयरी विकास से जुड़ी है। राज्य के पर्वतीय क्षेत्र के 10 जिले के निवासियों का जीवन भी मुख्यतः इन्हीं सेक्टर्स पर निर्भर है। लिहाजा इन सेक्टर्स में काम कर सही मायने में राज्य व राज्यवासियों की सेवा की जा सकती है।

श्री बहुगुणा ने निवेशकों से पशुपालन, मत्स्य पालन तथा डेयरी विकास के क्षेत्र में आगे बढ़कर निवेश करने का आह्वान करते हुए कहा कि सप्लाई चेन व विपणन के क्षेत्र में भी निवेशक सरकार के प्रयासों में मददगार बन सकते हैं।

कार्यक्रम में खाद्य प्रसंस्करण मंत्रालय भारत सरकार के अपर सचिव सनोज कुमार झा ने खाद्य प्रसंस्करण के क्षेत्र में राज्य सरकार के प्रयासों की सराहना करते हुए उद्यमियों से राज्य में निवेश करने का आह्वान किया।

इस मौके पर आयोजित पैनल परिचर्चा में रसना इंटरनेशनल के एमडी पिरूज खम्बाटा, सूरी एग्रो फ्रेश के एमडी हितेन सूरी, मदर डेरी के एमडी मनीष बंदलिश तथा केपीएमजी के साझेदार गोपीनाथ कोनेटी ने उत्तराखण्ड में खाद्य प्रसंस्करण की संभावनाओं, आवश्यकताओं के साथ ही फूड एवं ब्रीवरेज उद्योग के नए एवं टिकाऊ तौर-तरीकों तथा तेजी से बढ़ रहे एफएमसीजी सेक्टर के बारे में अपने विचार और अनुभव सामने रखे। कार्यक्रम में सचिव सहकारिता डा. बी.वी.आर.सी. पुरूषोत्तम तथा सचिव कृषि दीपेन्द्र चैधरी ने भी विचार रखे।

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