यहां बिकता है साढ़े 4 लाख का एक स्ट्राबेरी एवं 10 लाख का अंगूर का गुच्छा

Strawberry

हम फल पोषण पाने की खातिर खाते हैं लेकिन जापानी समाज में उन्हें एक और स्थिति भी महत्वपूर्ण स्थान प्राप्त है। जब कोई विशेष अवसर आते हैं जैसे किसी की शादी हो, मालिक से मिलना या रोगी से मिलने अस्पताल जाना हो तो जापानी मेजबानों के लिए उपहार में फल खरीदना पसंद करते हैं। देशवासियों की इसी आदत पर एक बुद्धिमान जापानी व्यापार ने आय का सबसे अच्छा स्रोत बना लिया।

Strawberry
यह 1834 ई। की बात है, बेंज ओशियमा नामक जापानी ने टोक्यो में सस्ते फल बेचने के लिए एक दुकान खोली। ईमानदारी और कड़ी मेहनत के कारण जल्द ही दुकान चल पड़ी। 1870 में बेंज ओशियमा के पोते, द्रेज ओशियमा ने फैसला किया कि ग्राहकों की खातिर विशेष तरीकों के फल उगाए जाएं ताकि वे अपने प्रियजनों को अच्छा और दुर्लभ उपहार देने के योग्य हो सकें। तब तक दुकान ‘‘सीम्बी किया’’ (SEMBIKIA) कहलाने लगी थी।

big grapes

इसलिए द्रेज ओशियमा ने कुछ बाग खरीदे और वहाँ विशेष रूप के फल उत्पाद करने लगे। इन फलों के विकास और परदाखत विशेष तरीकों से किया जाता ताकि वे देखने में आम फलों से अद्वितीय नजर आएं। ये अनोखा नव विचार लाभदायक साबित हुआ और जापानी सीम्बी क्या के उगाए गए अद्वितीय डिजाइन वाले फल बड़ी संख्या में खरीदने लगे। आज टोक्यो और उपनगरों में कंपनी की 14 दुकानें स्थित हैं। इन दुकानों में अद्वितीय शक्ल व सूरत ही नहीं अनोखे स्वाद वाले फल भी बेच जा रहे हैं। जापानी बहुत महंगे दामों यह फल खरीदते और गर्व और खुशी से दूसरों को उपहार देते हैं। स्वाभाविक बात है कि कीमती उपहार मिलने पर मेजबान के दिल में अतिथि सम्मान और इज्जत बढ़ जाती है।

Water melon
हालांकि सीम्बी क्या के दुकानों में केवल अमीर जापानी ही फल खरीद सकते हैं। अंगूर, सेब, तरबूज, खरबूजा और स्ट्राबेरी कंपनी की विशेष सौगात हैं। कंपनी एक टेनिस गेंद जितनी बड़ी स्ट्राबेरी उगाने में पूर्णता माहिर। ऐसी एक बड़ी सी स्ट्राबेरी साढ़े चार लाख रुपये तक बिक्री होती है।

water melon

कम्पनी के उगाए रूबी रोमन अंगूर की भी काफी मांग है। यह अंगूर देखने में लाल मोती दिखाई देते हैं, इसलिए उन्हें यह नाम मिला। उनके अंगूरों के एक गुच्छे की कीमत 10 लाख रुपये से अधिक होती है। एक गुच्छे में लगभग 30 अंगूर होते हैं। मानो एक पिक्सेल अंगूर की कीमत 33 हजार रुपये बनी। अमीर जापानी ही इतना महंगा अंगूर खरीद कर खुशकिस्मती का तम्गा देते हैं।
सीम्बी क्या माली चैकोर या दिल के आकार वाले तरबूज बढ़ता है। ऐसा एक तरबूज 100 डॉलर (दस हजार रुपये) में मिलता है। शायद आप सोच रहे हों इतने महंगे फल कौन खरीदता होगा? तथा किसी पाठक को यह फिजूलखर्ची लगेगी, लेकिन जापान में यह एक प्रकार का फैशन बन चुका। इसीलिए सीम्बी क्या कंपनी लाभदायक स्थिति में चल रही है। जापानी बहुमूल्य उपहार को दुनिया पसंद करते हैं ताकि उनका सम्मान हो सके तो फल जैसा अच्छा कौन सा उपहार हो सकता है जो फिटनेस भी प्रदान करता है।