लंदन। एक नई चिकित्सा अनुसंधान में यह बात सामने आई है कि जन्मदिन या अन्य समारोहों के अवसर पर केक लगी मोमबत्ती बुझाने के लिए साईड में मौजूद लोगों के फूंक मारने के परिणाम स्वरूप वह जगह कीटाणुओं से भर जाता है। ब्रिटिश अखबार ‘डेली मेल’ के अनुसार अमेरिकी राज्य दक्षिण कैरोलिना में कलीमसन यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं की टीम इस नतीजे पर पहुंची है कि मोमबत्ती को फूंक मारने के दौरान जो लार फैलता है इससे मोम की रोशनी में जमा होने वाले रोगाणु दर 1400 प्रतिशत बढ़ोतरी हो जाती है। यह रिसर्च विश्वविद्यालय के प्रोफेसर डॉक्टर पूल डाउसन ने अपने छात्रों के साथ मिलकर अंजाम दिया।
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शोधकर्ताओं की टीम ने केक पर मोमबत्तियां जलाने और फिर उन्हें सामूहिक रूप से बुझाने की प्रक्रिया को विशेष तरीके से पूरा किया। परिणाम विश्लेषण से यह बात सामने आई कि इस प्रक्रिया के दौरान कई बैक्टीरिया स्पष्ट रूप से परवान चढ़े लेकिन इससे अधिक खतरनाक बात यह है कि हर फूंक के कारण रोगाणु फैलते गये। शोधकर्ताओं के सामने यह बात भी सामने आई कि पूरी प्रक्रिया रोगाणु दर में औसतन 14 गुना की वृद्धि हुई। एक बार तो इस दर में 120 गुना अधिक वृद्धि भी दर्ज की गई।
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डाक्टर डाउसन ने स्पष्ट किया कि हमारे सभी अनुसंधान के बावजूद मुझे लगता केक खाने में कोई हर्ज नहीं है क्यों कि मुझे नहीं लगता कि रोगाणु दर में वृद्धि कुछ लोगों के लिए रोग का कारण बन सकता है। आमतौर पर मानव के मुंह के अंदर कई प्रकार के कीटाणुओं भरे होते हैं, सौभाग्य से इनमें अक्सर हानिकारक रोगाणु नहीं होते। अगर यह बात बीमार कर देने वाली होती तो हम लंबे समय से देख रहे हैं कि जन्मदिन के समारोह और मोमबत्तियों को बुझाना पूरी दुनिया में बहुत आम नहीं होती।
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