BJP Congress Alert to aap
देहरादून। BJP Congress Alert to aap उत्तराखण्ड में इन दिनों आम आदमी पार्टी की दस्तक ने सभी पार्टियों को अलर्ट मोड में डाल दिया है। प्रदेश के चर्चित मुद्दों को लेकर सड़कों पर उतरने वाली आम आदमी पार्टी की उत्तराखण्ड में सभी सीटों पर चुनाव लड़ने की घोषणा के बाद राजनैतिक दलों में खलबली सी मची हुई है।
प्रदेश में कुछ दिनों पहले महिला के यौन शोषण प्रकरण में आरोपी विधायक महेश नेगी के खिलाफ कार्रवाई में ढील का आरोप लगाते हुए आम आदमी पार्टी हमलावर हुई थी।
वैसे तो बीच-बीच में इस तरह के मामलों में आम आदमी पार्टी के कार्यकर्ता अपनी उपस्थिति का अहसास कराते रहे हैं लेकिन अब चुनावी तैयारियों के बीच धमाकेदार एण्ट्री आप ने की है।
पहले विधायक नेगी और अब विधायक चैंपियन के मामले मेें आप के साथ ही कांग्रेस भी हमलावर हुई है लेकिन आप कार्यकर्ता सीमित संख्या में ही सही, पर सड़कों पर उतर आए। जिसके चलते कई लोगों की नजरें अब आप पर टिक गयी हैं कि पार्टी का अगला कदम क्या होगा।
क्षेत्रीय दल भी सक्रिय हो गया
वहीं राष्ट्रीय पार्टियों के साथ ही क्षेत्रीय दल भी सक्रिय हो गया है। विधायक कुंवर प्रणव चैंपियन की भाजपा में वापसी का कांग्रेस, आप, उक्रांद सहित राज्य आंदोलनकारियों ने भी विरोध किया है।
चैंपियन द्वारा उत्तराखण्ड के लिए अपशब्दों का प्रयोग करने पर उन्हें छह साल के लिए पार्टी से निष्कासित कर दिया गया था लेकिन 13 माह में ही चैंपियन की पार्टी में वापसी करा दी गयी। विरोध चैंपियन की वापसी का हो रहा है क्योंकि उन्होंने देवभूमि का अपमान किया।
भाजपा के इस फैसले का विरोध स्वयं पार्टी के भीतर भी हुआ है और सांसद अनिल बलूनी भी इस फैसले के विरोध में रहे। फिर भी वापसी तो हो ही गई। राजनैतिक सूत्रों के मुताबिक राज्य में आप की धमक और निष्कासित या नाराज विधायकों की आम आदमी पार्टी से संपर्क में होने की सूचना से पार्टी सतर्क हो गयी।
पार्टी से निष्कासन को तत्काल खत्म करने का फैसला ले कर विधायक की वापसी कराई गई। वहीं इन दिनों यह चर्चा भी गरमायी हुई है कि पार्टी से नाराज चल रहे अन्य विधायकों से भी आम आदमी पार्टी संपर्क बनाए हुए है। इसके चलते भाजपा को अपने निर्णयों में फेरबदल करना पड़ा।
पार्टी से नाराज विधायकों, मंत्रियों पर आम आदमी पार्टी की नजर
माना जा रहा है कि अपने क्षेत्रों में मजबूत पकड़ रखने वाले और पार्टी से नाराज विधायकों, मंत्रियों पर आम आदमी पार्टी की नजर है और पार्टी के रणनीतिकारों ने इन जनप्रतिनिधियों से संपर्क साधना शुरू कर दिया है।
उत्तराखण्ड में आम आदमी पार्टी से जुड़े नेताओं और कार्यकर्ताओं ने मोर्चा संभाल लिया है। हालांकि पूर्व में सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे के समय में दिल्ली के सीएम से जुड़े कई नेता आप को उत्तराखण्ड के लिए घातक बता रहे हैं।
तो कुछ लोग इस बात को मुद्दा बना रहे हैं कि दिल्ली दंगों में उत्तराखण्ड के बेटे की हत्या करने वाले पार्षद को दिल्ली के सीएम ने पनाह दी और उसके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं होने दी तो ऐसे व्यक्ति की पार्टी को उत्तराखण्ड में कैसे सत्ता दी जा सकती है।
आगामी विधानसभा चुनाव में राज्य की सत्ता किस पार्टी के हाथों में जाएगी यह तो भविष्य में पता चलेगा लेकिन राजनैतिक दलों ने अभी से चुनाव की तैयारियां शुरू कर दी है।
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