मानव शरीर के व्यवहार उसके शरीर में मौजूद खून की मात्रा पर भी निर्भर होता है। शायद ही कोई यह बात जानता होगा कि उसके शरीर में जो खून दोड़ रहा है क्या वे उसके वजन के हिसाब से है। वजन से कम खून से कई तरह के व्यवहार से प्रभावित होता है और इसलिए यह जानना जरूरी है कि शरीर में खून कम क्यों है।
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खून लाल कोशिकाओं का सबसे महत्वपूर्ण हिस्सा हीमोग्लोबिन है और फेफड़े से ऑक्सीजन लेकर शरीर के बाकि हिस्सो तक पहुंचाता है। अगर शरीर में लाल कोशिकाओं या हीमोग्लोबिन की कमी हो तो शरीर के अन्य भागों को ऑक्सीजन नहीं पहुंच पाती, जिससे शरीर के अन्य भागों को काम करने में कठिनाई का सामना होता है। खून की कमी के कारण गंभीर थकान, कम साहस और पीलापन प्रमुख लक्षण हैं, लेकिन ऐसे व्यक्ति का दिल, गुर्दा और मस्तिष्क का कार्य एवं सेल की वृद्धि एक बड़ी समस्या बन जाती है।
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मानव के अंदर कितना खून होना चाहिए? यदि खून पूरा और सेहतमंद है, तो यह शरीर को ताजा ऑक्सीजन प्रदान करता है। इस संबंध में नवीनतम शोध में कहा गया है कि प्रत्येक व्यक्ति का खून अपने वजन का सातवां हिस्सा होना चाहिए। उदाहरण के लिए, एक व्यक्ति का वजन 150 से 180 किलो हैं, तो उसके अंदर चार से पांच प्रतिशत पांच लीटर खून होना चाहिए। हालांकि, छोटे बच्चों में, इसके विपरीत वजन का साढ़े तीन भाग होना चाहिए।
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