दिल्ली/लखनऊ। विगत एक सप्ताह से चल रही अटकलों के बीच कांग्रेस की पूर्व प्रदेश अध्यक्ष व विधायक डा. रीता बहुगुणा जोशी गुरूवार को भाजपा अध्यक्ष अमित शाह की मौजूदगी में भाजपा में शामिल हो गयी। डा. रीता बहुगुणा जोशी के पार्टी छोघ्ने से कांग्रेस को बघ झटका लगा है। इससे उत्तर प्रदेश में कांग्रेस के ब्राह्मण कार्ड को भी झटका लगा है।
वर्तमान में डा. रीता बहुगुणा जोशी लखनऊ की कैन्ट विधानसभा से विधायक हैं। इसके साथ ही वह कांग्रेस की राष्ट्रीय प्रवक्ता भी हैं। रीता जोशी की जुझारू नेता के रूप में छवि है।
गौरतलब हो कि डा. रीता बहुगुणा जोशी के भाई व उत्तराखण्ड के पूर्व मुख्यमंत्री विजय बहुगुणा द्वारा कांग्रेस छोघ्ने के समय से ही लोग कयास लगा रहे थे कि रीता भी भाजपा छोघ् सकती हैं। लेकिन इसके बाद कई बार खुद रीता जोशी ने इन खबरों का खण्डन किया था। माना जा रहा है कि उत्तर प्रदेश में शीला दीक्षित को मुख्यमंत्री का चेहरा घोषित करने से वह नाराज थी। इसके अलावा प्रमोद तिवारी को भी अहमियत देने से नाराज थी। डा. रीता बहुगुणा जोशी के पिता स्व. हेमवती नन्दन बहुगुणा उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री रह चुके हैं। बहुगुणा परिवार की उत्तर प्रदेश में पहचान है। रीता के भाजपा में आने से भाजपा को पहाघ्ी वोटों का फायदा होगा। ऐसे में भाजपा ने एक तीर से दो निशाना साधा है।
दिल्ली भाजपा कार्यालय में भाजपा की सदस्यता ग्रहण करने के मौके पर रीता जोशी ने कहा कि राहुल गांधी के खून की दलाली के बयान से मुझे धक्का लगा। मोदी के नेतृत्व में सर्जिकल स्ट्राइक पर जहां पूरा देश वाहवाही कर रहा है वहीं कांग्रेस इसका प्रमाण मांग रही है। राष्ट्र सबसे पहले है बाकी सब बाद में है। इसलिए हमने भाजपा के साथ चलने का निर्णय लिया।