यूपी में बीजेपी सरकार आते ही प्रशासन ने भी सख्ती दिखानी शुरू कर दी है। सोमवार को UP के जौनपुर में एक बूचड़खाने को पूरी तरह सील कर दिया गया है।
प्रदषण नियंत्रण बोर्ड के निर्देश पर नगर पालिका परिषद के अधिकारियों ने शहर के बीचों बीच शेख मोहामिद स्थित स्लाटर हाउस को सीज कर दिया। इस दौरान अधिकारियों और संचालकों में कहासुनी एंव बहस भी हुई।
कोतवाली थाना क्षेत्र के मोहल्ला शेख मुहामिद में पशु वधशाला है। इसमें 10 से 15 भैस/भैसों की स्लाटरिंग किए जाने का लाइसेंस मिला है। आरोप है कि यहां हर रोज तकरीबन
(100 ) मवेशियों को काटा जाता है। जिसका अपशिष्ट पदार्थ सीधे गोमती नदी में गिराया जाता था।
इस मामले को स्थानीय लोगों उठाया तो गोमती नदी में प्रदूषण से निजात दिलाने के लिए कार्य कर रही संस्था स्वच्छ गोमती अभियान के अध्यक्ष गौतम गुप्ता एवं संरक्षक लाजी निषाद की ओर से हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर की गई।
जिसे कोर्ट ने (28) सितंबर 16 को स्वीकार कर लिया। याचिका दायर होते ही नगरपालिका परिषद एवं प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अफसरों की सक्रियता बढ़ गई। प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के सदस्य सचिव एससी यादव ने अधिशासी अधिकारी को पत्र लिखा। जिसमें कहा कि बोर्ड के अधिकारियों के निरीक्षण में पाया गया है कि स्लाटर हाउस में पशुओं के एकत्रित मल-मूत्र और स्लाटरिंग के पश्चात निकलने वाले खून को पानी के साथ साथ सीधे नाले में निस्तारित किया जाता है।
जो गोमती नदी में जाकर मिल जाता है। जबकि स्लाटर हाउस से जनित उत्प्रवाह के शुद्धिकरण हेतु उत्प्रवाह शुद्धिकरण संयंत्र स्थापित नहीं किया गया है। चमड़े एवं हड्डियों के स्टोरेज से दुर्गंध के फैलने से आबादी पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है। उन्होंने अपने पत्र में यह भी लिखा कि बिना राज्य बोर्ड के अनापत्ति प्रमाण पत्र प्राप्त किए इसे स्थापित किया गया है
30 सितंबर 16 को उ.प्र. प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने स्टालर हाउस के खिलाफ कार्रवाई का निर्देश जारी कर दिया। फिर 7 नवंबर 16 को स्लाटर हाउस को बंद करने का फरमान जारी किया गया। बावजूद नगर पालिका परिषद के अधिकारी चुप्पी साधे रहे। बोर्ड ने 15 दिन के अंदर जवाब भी मांगा लेकिन कोई जवाब नहीं दिया गया।
16 दिसंबर 2016 को स्वच्छ गोमती अभियान के अध्यक्ष गौतम गुप्ता ने प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को पत्र लिखा जिसके क्रम में 3 मार्च 2017 को बोर्ड ने कड़ाई से नगर पालिका परिषद को स्लाटर हाउस बंद/ सील कराने का निर्देश दिया। इस आदेश के क्रम में नगर पालिका परिषद के अधिकारियों ने मौके पर जाकर ताला बंद कर स्लाटर हाउस सील कर दिया। इस दौरान अधिकारियों और स्लाटर हाउस के संचालकों में कहासुनी भी हुई। लेकिन प्रशासन ने ताला बंद करना नहीं रोका।