Breast cancer के लिए ब्रेड व सोयाबीन है जहर
आज भी कुछ मर्ज जिसका इलाज सम्भव नहीं हो पाया है, उनमे से एक बीमारी है – केंसर। दोस्तों यह वह भयंकर रोग है जिसे कोई भी कभी भी खत्म नही किया जा सकता है, इसका खत्मा इंसान की मौत के साथ ही होता है। केंसर भी कई प्रकार के होते हैं, जैसे- स्किन केंसर, ब्रेन केंसर और ब्रेस्ट केंसर। ब्रेस्ट केंसर ( Breast cancer ) महिलाओ में पाया जाता है। विश्वभर में इस रोग से न जाने कितनी महिलाये जूझ रही हैं। खैर आज हम आपको इससे सम्बन्धित एक महत्वपूर्ण बात बताने जा रहे है।
दोस्तों, स्तन कैंसर पीड़ितों के लिए ब्रेड और सोयाबीन का सेवन नुकसान साबित हो सकता है। नए शोध में पाया गया है कि इस तरह के खाद्य पदार्थों में एक ऐसा कंपाउंड पाया जाता है, जो इस रोग के उपचार में काम आने वाली दवाओं के असर को कम कर सकता है। शोधकर्ताओं के अनुसार जीनोस्ट्रोजीन्स नामक रसायनिक कंपाउंड के चलते कैंसर में इस्तेमाल होने वाले एंटीएस्ट्रोजन उपचार का प्रभाव कम हो सकता है।
अमेरिका स्क्रिप्स रिसर्च इंस्टीट्यूट के शोधकर्ता गैरी सिउजदक ने कहा की पाल्बोसिसलिब लेट्रोजोल दवाओं का सेवन करने वाली स्तन कैंसर रोगियों को उन खाद्य पदार्थों के सेवन को सीमित करना चाहिए, जिनमें जीनो एस्ट्रो जींस पाया जाता है। इन दोनों दवाओं के संयुक्त उपचार को 2015 में मंजूरी मिली थी। लेट्रोज़ोल दवा एस्ट्रोजन की उत्पत्ति को रोकने के साथ स्तन कैंसर सेल्स की वृद्धि को कम करती हैं, जबकि पाल्बोसिसलिब कैंसर कोशिकाओं के विभाजन को रोकने का काम करती हैं। फिलहाल उपचार की यह विधि मानक के अनुरूप मानी जाती है।