भारतीय वैज्ञानिकों ने कैंसर खत्म करने वाला वायरस खोज निकाला

cancer khatm karne wala Virus
भारतीय वैज्ञानिकों ने cancer khatm karne wala Virus खोज निकाला

इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस एजुकेशन एंड रिसर्च भोपाल में हुए शोध को कैंसर के खिलाफ एक बड़ी सफलता के रूप में देखा जा रहा है। भारतीय वैज्ञानिकों ने कैंसर खत्म करने वाला वायरस (cancer khatm karne wala Virus) खोज निकाला है। इसका अगला चरण भी यदि पूरी तरह से सफल हुआ तो कैंसर को जड़ से मात दी जा सकेगी। शोध में डी -वायरस के जरिए कैंसर कोशिकाओं को खत्म करने का प्रयोग सफल रहा है। लेकिन चुनौती है कि वायरस को शरीर में कैंसर कोशिकाओं तक कैसे पहुंचाया जाए? इसमें भी सफलता मिली तो यह शोध वरदान साबित हो सकता है।

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कीमोथेरेपी से बेहतर व कारगर सिद्ध होगी यह विधि

वायरस के जरिए कैंसर का इलाज कीमोथैरेपी से ज्यादा कारगर सिद्ध होगा। कीमोथेरेपी के कई साइड इफेक्ट्स थे, जिनके कारण शरीर को नुकसान होता था। वायरस तकनीक के जरिए ब्रेस्ट कैंसर, ओरल कैंसर और फेफड़े के कैंसर समेत 17  तरह के कैंसर कोशिकाओं को खत्म किया जा सकेगा।

डिपार्टमेंटल ऑफ बायो टेक्नोलॉजी द्वारा जारी किया गया अनुमोदन

रिसर्च स्कॉलर सौम्या कमला के इस शोध “अंडरस्टेंडिंग द मॉलिक्यूलर बेसिस ऑफ बायो इन एडिट बैक्टीरियल सेल डेथ” को भारत सरकार ने डिपार्ट भारत सरकार के “डिपार्टमेंट ऑफ बायो टेक्नोलॉजी” से अनुमोदन मिल चुका है। यह शोध पत्र प्रदर्शन ऑफ यूरोपियन बायो केमिकल सोसाइटी साइंटिफिक जनरल में भी प्रकाशित हुआ है।

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आगामी रणनीति

मसला यह है कि शरीर के अंदर कैंसर कोशिका तक वायरस कैसे और किस रूप में पहुंचाया जाए? इस पर काम किया जा रहा है, बता दे किसी वायरस को शरीर कि कैंसर कोशिकाओं तक पहुंचाना अब भी एक बड़ी चुनौती है।

चुनौती – किसी वायरस को कैंसर कोशिका में पहुंचाना इसलिए चुनौतीपूर्ण प्रक्रिया है क्योंकि मानव शरीर की प्रतिरक्षा तंत्र प्रणाली किसी भी बाह्य तत्व का अरोध करती है पर विकसित और  किसी भी बाहरी  घटक को यह प्रणाली तुरंत नष्ट कर देती है, साथ ही कैंसर सेल की डीएनए प्रणाली खुद को तेजी से विकसित करती है ताकि अन्य कोशिका के डीएनए को नष्ट कर खुद को विकसित किया जा सके, दोनों ही स्थितियों में वायरस को कोशिकाओं में सिलेक्ट नहीं किया जा सकता और यह इस खोज की सबसे बड़ी चुनौती है।

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