Cash Crunch : सरकार ने 5 गुना बढ़ाई नोटों की प्रिंटिंग
पटना। दिल्ली-एनसीआर, उत्तर प्रदेश, गुजरात, बिहार, तेलंगाना, झारखंड, महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश में मंगलवार को नकदी का संकट (Cash Crunch) पैदा हो गया। कुछ राज्यों में एटीएम में कैश नहीं होने की शिकायत तो कुछ जगहों पर 2000 के नोटों और बैंक चेस्ट में करंसी की कमी की बात सामने आई। मामला बढ़ा तो वित्त मंत्रालय, आर्थिक मामलों के विभाग और उसके सचिव को अलग-अलग बयान जारी करने पड़े। जेटली ने कहा, ‘अचानक मांग बढ़ने से ये समस्या आई है, लेकिन ये कुछ समय की बात है और इसे जल्द दूर किया जाएगा।’
आर्थिक मामलों के सचिव एससी गर्ग ने कहा कि बढ़ी हुई मांग पूरी करने के लिए 500 के नोटों की सप्लाई पांच गुना बढ़ा दी गई है। कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने कैश की किल्लत को लेकर मोदी पर तंज कहा और कहा कि इस सरकार ने बैंकिंग व्यवस्था को बर्बाद कर दिया। कई राज्यों में कैश की किल्लत ( Cash Crunch) की खबरें पिछले हफ्ते से आ रही थीं, लेकिन सोमवार को मध्यप्रदेश के सीएम शिवराज सिंह के बयान के बाद इस मामले ने तूल पकड़ लिया।
एमपी के शाजापुर में हुई एक सभा में शिवराज ने कहा, ‘नोटबंदी से पहले 15 लाख करोड़ रुपए की नकदी चलन में थी। नोटबंदी के बाद 16 लाख 50 हजार करोड़ रुपए करंसी हो गई, लेकिन बाजार से 2000 का नोट गायब हो रहा है। ये नोट कहां जा रहे हैं, कौन दबाकर रख रहा है, कौन नकदी की कमी पैदा कर रहा है। यह षड्यंत्र है। ऐसा इसलिए किया जा रहा है, ताकि दिक्कतें पैदा हों।
एटीएम में कैश नहीं
दिल्ली-एनसीआर, उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र में एटीएम में कैश नहीं होने की खबरें हैं। गुजरात, आंध्र और तेलंगाना में पिछले हफ्ते से ही एटीएम में कैश की दिक्कत की बात सामने आई है। मध्य प्रदेश में 2000 के नोटों की किल्लत की बात सीएम शिवराज सिंह चौहान ने कही। यहां के कई शहरों में एटीएम के कैश की किल्लत (Cash Crunch) की खबरें हैं। बिहार में भी कांग्रेस नेता सदानंद सिंह ने 2000 के नोटों की कमी की बात कही है। उन्होंने कहा कि बैंकों में रकम का 10% ही 2000 के नोट बचे हैं, जबकि इनकी हिस्सेदारी 50% है।
बैंक चेस्ट में नकदी की कमी ( Cash Crunch )
सदानंद सिंह ने कहा, ‘बिहार-झारखंड में स्टेट बैंक के 110 करेंसी चेस्ट हैं, जिनकी क्षमता 12 हजार करोड़ रुपए की है, लेकिन यहां नकदी की उपलब्धता सिर्फ ढाई हजार करोड़ रुपए ही है। यानी कैपेसिटी से 80% कम नोट हैं। एसबीआई के चेयरमैन रजनीश सिन्हा ने कहा, ‘नोटबंदी जैसे हालात नहीं हैं। नोटबंदी के वक्त पैसा सिस्टम से निकाला गया था, इसलिए परेशानी हुई थी। अभी ऐसी स्थिति नहीं है, ये अस्थायी समस्या है।
सरकारी खरीद का सीजन शुरू हो गया
दरअसल, ये हालात भौगोलिक वजहों से बने हैं। पहली वजह ये है कि सरकारी खरीद का सीजन शुरू हो गया है और किसानों को दिया जाने वाला पेमेंट भी बढ़ गया है। हालांकि, एक हफ्ते के भीतर हालात सामान्य हो जाएंगे। इसका एक उपाय ये भी है कि कैश मैनेजमेंट की व्यवस्था ढंग से हो। नीरव मोदी 30 हजार करोड़ लेकर भाग गया, लेकिन मोदी ने इस पर एक शब्द नहीं कहा। मोदी ने जनता की जेब से 500 और 1000 के नोट निकालकर नीरव मोदी की जेब में डाल दिए। पूरी जनता को लाइन में लगाया। मोदी पार्लियामेंट में खड़े होने से डरते हैं। हमें 15 मिनट का भाषण मिल जाए पार्लियामेंट में प्रधानमंत्री खड़े नहीं हो पाएंगे।
अरुण जेटली ने कहा कि हम देश में करंसी के हालात की समीक्षा कर रहे हैं। पूरे देश में पर्याप्त करंसी सर्कुलेशन में है और बैंकों में भी पर्याप्त मात्रा में नकदी है। ये अस्थायी कमी है। ये कुछ इलाकों में मांग में हुई अचानक बढ़ोतरी की वजह से हुई है। इसे बहुत जल्द दूर कर लिया जाएगा। वित्त मंत्रालय ने कहा कि देश के कुछ हिस्सों में एटीएम के काम नहीं करने या उनमें कैश नहीं होने की रिपोर्ट्स मिली हैं। देश में पिछले तीन महीने के दौरान नकदी की मांग में अप्रत्याशित उछाल आया है। इस महीने 13 दिनों के दौरान 45 हजार करोड़ नकदी की सप्लाई बढ़ाई गई है। आंध्र, तेलंगाना, कर्नाटक, मध्य प्रदेश और बिहार मांग और ज्यादा तेज हो गई है।
मांग को पूरा करने के लिए सभी जरूरी कदम उठा रही
सरकार आरबीआई के साथ मिलकर इस मांग को पूरा करने के लिए सभी जरूरी कदम उठा रही है। हमारे पास इस मांग को पूरा करने के लिए पर्याप्त नकदी है। हमारे पास 100, 200, 500 के नोट पर्याप्त संख्या में हैं, जिनके जरिए किसी भी मांग को पूरा किया जा सकता है। हम लोगों को भरोसा दिलाते हैं कि अभी तक हमने मांग के हिसाब से पर्याप्त नकदी की आपूर्ति की है और आने वाले दिनों में अगर मांग बढ़ती है तो हम पर्याप्त मात्रा में नकदी की आपूर्ति करेंगे। हम एटीएम में कैश की सप्लाई और काम नहीं कर रहे एटीएम के सुधार के लिए सभी कदम उठा रहे हैं।
आर्थिक मामलों के सचिव एससी गर्ग ने कहा, ‘हम नकदी का काफी स्टॉक रखते हैं। अभी देश में 18 लाख करोड़ रुपए की करंसी सर्कुलेशन में है। अभी भी हम ढाई-तीन लाख करोड़ करंसी स्टॉक में रखते हैं, ये देश में नकदी की किसी भी समस्या का सामना करने के लिए पर्याप्त है। इसके जरिए हमने बढ़ी हुई मांग को पूरा किया है। जहां से जैसी मांग आई, वहां वैसी ही आपूर्ति की गई। अभी भी हमारे पास करीब पौने दो लाख की करंसी है। अगर आगे मांग और ज्यादा बढ़ती है तो इसके लिए हमने करंसी प्रिंटिंग का काम भी बढ़ा दिया है।
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500 के नोट को लें तो 15 दिन पहले तक हम 500 करोड़ रुपए के नोट प्रिंट कर रहे थे। अब जल्द ही हम 500 के ढाई हजार करोड़ रुपए के नोट एक दिन में प्रिंट करेंगे। इस हिसाब से हम एक महीने में 70 से 75 हजार करोड़ रुपए कए 500 के नोट ही प्रिंट करेंगे। आपको ये भरोसा दिलाते हैं कि देश मेें पर्याप्त करंसी थी, जिसे हमने बढ़ी हुई मांग के मुताबिक सप्लाई किया। अभी भी पर्याप्त करंसी है और इसे बढ़ाने के लिए कदम उठा लिए हैं। डिमांड कितनी भी बढ़ती है, हमारे पास उसे पूरा करने के लिए पर्याप्त करंसी होगी।