अभिभावकों का साथ बच्चों की पहली जरूरत Children with parents

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मां बाप (Mother father) ही बच्चे के सर्वप्रिय हितेशी होते हैं

हिना आज़मी

मां बाप (Parents) ही बच्चे के सर्वप्रिय हितेशी होते हैं, जो अपने बच्चों की खुशी के लिए बहुत कुछ करते है। Parents का प्यार बच्चे को हर दुखों में सुरक्षित रखता है। इसका उदाहरण हम जानवरों में भी देख सकते हैं। गाय को सीधी कहा जाता है लेकिन वह सीधी गाय भी तब टक्कर मारती है जब उसके बछड़े पर कोई संकट आता है।

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मनुष्य तो बहुत भावुक होता है। (Human is very emotional)

चिड़िया भी अपने चूजों के लिए  दाना चुगकर लाती है और अपने बच्चे (Children) का पेट भर देती है, मादा बंदर भी अपने बच्चे को सीने से लगा कर रखती है, तो मनुष्य तो बहुत भावुक  होता है। लेकिन कई बार स्थिति ऐसी पैदा हो जाती है कि मां – बाप और बच्चों के बीच का रिश्ता थोड़ा कमजोर पड़ जाता है। ऐसे मे  जरूरत होती है सामंजस्य स्थापित करने की यानी मां – बाप बच्चों को समझें और बच्चे मां बाप  को समझकर उस पर विचार करें। किशोरावस्था में बच्चों और अभिभावक में हर छोटी – छोटी बात पर अनबन रहती है।

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अभिभावक को बच्चों का व्यवहार अखरने लगता है तो बच्चे भी छोटी-छोटी बातों पर लगी रोक पर चिढ़ जाते हैं, ऐसी स्थिति में इन लोगों को आपस में तालमेल स्थापित करना चाहिए । अभिभावकों को समझते हुए एक दोस्त तौर पर अपने बच्चों से व्यवहार करना चाहिए। साथ ही ऐसा रिश्ता बना लेना चाहिए जिससे बच्चे मां-बाप से सारी परेशानियां साझा कर सकें ।

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