CM Dhami introduced Uniform Civil Code Bill in the House
संविधान की मूल कॉपी हाथ में लेकर सदन में पहुंचे मुख्यमंत्री
विपक्ष ने लगाया परंपराओं के उलंघन का आरोप
देहरादून। CM Dhami introduced Uniform Civil Code Bill in the House उत्तराखंड की धामी सरकार ने विपक्ष के भारी विरोध और सत्ता पक्ष की और से लगाए जा रहे जय श्री राम और वंदे मातरम के नारों के बीच समान नागरिक संहिता विधेयक 2024 को सदन के पटल पर रख दिया हैं।
मंगलवार को सदन की कारवाई शुरू होते ही, जहां नेता सदन पुष्कर सिंह धामी संविधान की मूल प्रति हाथ में लेकर सदन में पहुंचे और सत्ता पक्ष की और से ‘जय श्री राम’ ‘वंदे मातरम’ के नारे लगने लगे, वहीं विपक्ष के सभी विधायक खड़े रहे और सदन की परंपराओं के उलंघन का आरोप लगाते हुए व्यवस्था का प्रश्न उठाया।
विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खंडूड़ी ने विपक्ष को अपनी बात कहने का अवसर दिया। नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य ने कहा सदन में परंपराओं का खुला उलंघन हो रहा हैं, बिना प्रश्नकाल व शुन्यकाल के सदन को चलाया जा रहा हैं, विधायक अपनी बात सदन में नहीं रखेंगे तो कहा रखेंगे। विपक्ष की और से कहा गया की समान नागरिक संहिता विधेयक पर चर्चा के लिए समय दिया जाय।
विधानसभा में ऐतिहासिक "समान नागरिक संहिता विधेयक" पेश किया। #UCCInUttarakhand pic.twitter.com/uJS1abmeo7
— Pushkar Singh Dhami (@pushkardhami) February 6, 2024
प्रीतम सिंह ने कहा कि विधानसभा सत्र को लेकर विधानसभा सचिव की ओर से 25 जनवरी को पत्र भेजा गया था, उसमें इस बात को कहा गया था कि 6 फरवरी की सुबह तक सभी सदस्य कार्यस्थगन प्रस्ताव देंगे, मगर अब सरकार ने इसे विशेष सत्र बताते हुए कार्यस्थगन प्रस्ताव को निरस्त कर दिया है, जो विधानसभा संचालन नियमावली के खिलाफ है।
उसके बाद 11 बजकर 20 मिनिट पर नेता सदन मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने ‘भारत माता की जय’, ‘जय श्री राम’ और ‘बाबा साहब अम्बेडकर अमर रहे’ के नारों के साथ समान नागरिक संहिता विधेयक 2024 को सदन के पटल पर रखा। इससे पहले उत्तराखंड के सीएम पुष्कर सिंह धामी का अनोखा अंदाज देखने को मिला, सीएम धामी भारत के संविधान की मूल प्रति हाथों में पकड़कर विधानसभा पहुंचे, कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी व प्रेमचंद अग्रवाल भी सीएम के साथ मौजूद थे। उनके हाथों में समान नागरिक संहिता के ड्राफ्ट की प्रति थी।
आज देश भी के सियासी दलों और समाजिक संगठनो सहित सभी धर्माचायों की नजर उत्तराखंड पर है। आजादी के बाद उत्तराखंड देश का पहला राज्य होने जा रहा है जहां यूसीसी लागू होगा। गोवा में पुर्तगालियों के समय से यूसीसी लागू है। उत्तराखंड का जो यूसीसी बिल आज विधानसभा में पेश किया गया है, उसमें महिलाओं को खास खास तवज्जो दी गई है। रिटायर्ड जज रंजना देसाई की अध्यक्षता में यूसीसी का ड्राफ्ट तैयार किया गया है।
यूसीसी में सभी धर्म के विवाह के लिए न्यूनतम आयु भी 18 वर्ष तय की गई है, ऐसा होने से बेटियों के कम उम्र में शादी की व्यवस्था खत्म हो जाएगी। ड्राफ्ट में शादी के पंजीकरण को भी आवश्यक किया गया है, इससे भविष्य की सुरक्षा तय हो पाएगी। शादी को लेकर महिलाओं की सुरक्षा को मजबूती दी जा सकेगी, ऐसा ना करने वालों को तमाम सरकारी सुविधाओं का लाभ नहीं मिलेगा। भाजपा आज के दिन को ऐतिहासिक दिन बता रही हैं।
जिसके बाद स्पीकर ऋतु खंडूड़ी ने सदन की कारवाई को 2 बजे तक के लिए स्थगित कर दी। 2 बजे के बाद सदन की कार्रवाई शुरू हुई और देर शाम तक समान नागरिक संहिता विधेयक पर चर्चा होती रही।
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