बैंक की मनमानी को लेकर बैंकिंग लोकपाल से शिकायत

Complaint with Banking Lokpal
Complaint with Banking Lokpal

देहरादून। Complaint with Banking Lokpal बैंक की मनमानी/गलती/लापरवाही का खामियाजा ग्राहकों को भुगतना पड़ता है। बैंक के लाकर का उपयोग बंद कर दिए जाने और चाबियां बैंक शाखा में जमा कर दिए जाने के बाद भी बैंक द्वारा ग्राहक के खाते से लाकर चार्जेज काटा जा रहा है।

बैंक से कई बार इसकी शिकायत किए जाने के बाद भी लगातार लाकर चार्जेज काटा जा रहा है। रिटायर्ड अपर सचिव उत्तराखंड शासन सतीश चंद्र बडोनी ने इसकी शिकायत अब बैंकिंग लोकपाल से की है।

यमुनोत्री इनक्लेव इन्दरपुर-बद्रीपुर देहरादून निवासी रिटायर्ड अपर सचिव सतीश चंद्र बडोनी का कहना है कि भारतीय स्टेट बैंक की कचहरी शाखा देहरादून में बीस वर्ष से अधिक की अवधि तक उनका वेतन/पेन्शन खाता (संख्या 10131842648) रहा, सेवाकाल के अंतिम वर्षों में उन्होंने इस शाखा के लाकर न० 4293 का उपयोग किया।

सेवानिवृत्ति और फिर अपने नवनिर्मित निवास में स्थानांतरित होने के पश्चात उन्होंने लगभग तीन वर्ष पहले इस शाखा के लाकर का उपयोग बंद कर दिया व चाबियाँ कचहरी शाखा में जमा कर ली थी। बाद में यह खाता भी भारतीय स्टेट बैंक की डिफेन्स कालोनी शाखा में स्थान्तरित करा लिया।

आपत्ति के पश्चात काटी गई धनराशि

श्री बडोनी का कहना है कि लगभग पिछले तीन वर्षों में प्रत्येक वित्तीय वर्ष के प्रारम्भ में उनके खाते से लाकर चार्जेज काटे जाता रहा, जिस पर आपत्ति के पश्चात काटी गई धनराशि वापिस की जाती रही।

बैंक द्वारा यह भी आश्वासन दिया जाता रहा कि अब आगे से यह गलती नहीं होगी। लेकिन इस वित्तीय वर्ष 2019-20 के प्रारम्भ में फिर 1 अप्रैल 2019 को 1770 रुपये लाकर चार्जेज काट लिए गए। पुनः उनके द्वारा शिकायत की गई जिस पर यह धनराशि वापिस खाते में क्रेडिट कर ली गई।

श्री बडोनी का कहना है कि आश्चर्य तब हुआ जब इसी माह 26 अप्रैल 2019 को 1770 रुपये पुनः उनके खाते से लाकर चार्जेज के निमित्त काट लिए गए। बैंक से शिकायत के बाद भी लगातार लाकर चार्जेज काटे पर अब श्री बडोनी ने इसकी शिकायत बैकिंग लोकपाल उत्तराखंड से की है।

खाते से रुपए निकाल लेना गम्भीर अनियमितता

उनका कहना है कि कानूनन बिना सेवा दिए खाते से रुपए निकाल लेना गम्भीर अनियमितता तो है ही यह अपराध भी है। बैंक अब तक 4-5 बार ऐसी धाँधली कर चुका है। यह डिजिटल प्रणाली से बैंक को प्रदत्त अधिकारों का घोर दुरप्रयोग भी है।

उनका कहना है कि ऐसा लगता है कि या तो बैंक अधिकारियों में डिजिटल प्रणाली के ज्ञान का अभाव है अथवा गम्भीर लापरवाही। उन्होंने बैकिंग लोकपाल से कहा कि इस प्रकरण की समीक्षा कर उच्चस्तर पर ऐसे अनियमित डिजिटल ट्रैंजैक्शन के कारण एवं हल के प्रति समाधान निकाल कर अधीनस्थ बैंक को विस्तृत दिशा निर्देश दिए जाएं, क्योंकि यह अनियमितता तीन साल से लगातार और इस साल तो दो बार अब तक 4-5 बार हो चुकी है।

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