हिमाचल की जीत पर कांग्रेस ने मनाया जश्न

Congress celebrated Himachal victory

Congress celebrated Himachal victory

देहरादून। Congress celebrated Himachal victory हिमाचल प्रदेश में कांग्रेस के बेहतरीन प्रदर्शन पर पीसीसी अध्यक्ष करण माहरा ने कांग्रेस परिवार को बधाई व शुभकामनाएं दी।

इस मौके पर उत्तराखंड कांग्रेस मुख्यालय राजीव भवन कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने जीत का जश्न मनाया। कांग्रेस जनों ने पटाखे छोड़े व मिष्ठान वितरण किया एवं ढोल की थाप पर जीत के जश्न में नृत्य किया।

इस अवसर पर करण मेहरा ने कहा की हिमाचल वासियों ने आज समूचे देश को महंगाई-बेरोजगारी के खिलाफ निर्भीक होकर लड़ने का एक रास्ता दिखाया है। उन्होंने कहा कि मैं हिमाचल वासियों को बधाई देता हूं जो प्रधानमंत्री की उस धमकी से भी नहीं डरे जिसमे उन्होंने कांग्रेस के जीतने पर अप्रत्यक्ष रूप से केंद्र सरकार से मदद न देने की बात तक कह दी थी।

माहरा ने कहा की आज हिमाचल वासियों ने यह साफ संदेश देश को दिया है कि भाजपा की हार के आगे महंगाई और बेरोजगारी पर जीत है। माहरा ने कहा हिमाचल प्रदेश की जीत सिर्फ कांग्रेस की जीत नहीं है।

हिमाचल की जनता ने प्रजातंत्र को पुनर्जीवित किया है, या यूँ कहें कि हिमाचल ने प्रजातंत्र बचाने का शंखनाद कर दिया है। माहरा ने यह साफ किया कि हिमाचल की लड़ाई दो सिद्धान्तों की लड़ाई थी, एक वचन पर आधारित था और दूसरा छल और प्रपंच पर।

कांग्रेस के वचनों पर हिमाचल ने विश्वास किया : Karan Mahara

हिमाचल वासियों का धन्यवाद करते हुए उत्तराखंड प्रदेश अध्यक्ष ने कहा के कांग्रेस के वचनों पर हिमाचल ने विश्वास किया, 300 यूनिट बिजली मुफ्त, युवाओं की नौकरी पक्की, गैस का सिलेंडर सस्ता, पुरानी पेंशन योजना इत्यादि |

भाजपा ने हिमाचल का चुनाव मोदी जी के चहरे पर लड़ा था। प्रधानमंत्री और गृह मंत्री ने हिमाचल के चप्पे चप्पे में रैलियां की (लगभग 10) मगर उन्हें नकार दिया गया। करण मेहरा ने कहा वैसे तो हिमाचल में हर पाँच साल में सरकार बदलने का रिवाज है|

प्रधानमंत्री और गृह मंत्री जी ने यही तो कैम्पेन किया था कि रिवाज  बदल दो और फिर हमें सत्ता दो , मगर हिमाचल के लिए ये चुनाव रिवाज का नहीं ,भाजपा से रिवेंज का चुनाव था। उस डबल इंजन की सरकार से रिवेंज का जिसने देश की जनता को महंगाई और बेरोजगारी की डबल जंजीरों में जकड़ दिया था।

कांग्रेस पार्टी की लड़ाई हिमाचल और देश की महंगाई और बेरोजगारी के  खिलाफ थी जो हमने पूरी प्रतिबद्धता से लड़ी। गुजरात जीतने वाले दल को शुभकामनाएं मगर प्रधानमंत्री जी और देश के गृह मंत्री जी ने एक प्रकार से हिमाचल वासियों को अप्रत्यक्ष रूप से अपने भाषणों में यह बताने की कोशिश की थी कि अगर कांग्रेस की सरकार बनती है तो वे केंद्र से हिमाचल के विकास में रोड़े अटकाएँगे। चुनाव जीतने के लिए इस प्रकार का भय प्रजातंत्र के संघीय ढाँचे पर प्रहार है।

प्रधानमंत्री पद के सम्मान और गरिमा को कम किया : Karan Mahara

माहरा ने कहा पूरे देश ने देखा की प्रधानमन्त्री ने अपना सारा कामकाज छोड़ कर केवल और केवल चुनाव प्रचार किया, कैसे बागी प्रत्याशियों को मनाने की कोशिश की, गुजरात में चुनाव भाजपा भले ही जीत गई पर उन्होनें अपना कर्तव्य न निभाकर जनता में प्रधानमंत्री पद के सम्मान और गरिमा को कम किया है।

महारा ने कहा की हाल ही में क्योंकि हिमाचल के तीन विधानसभा और एक लोकसभा के उप चुनाव में भाजपा की हार से ये साफ संकेत हिमाचल की जनता ने दिए थे कि वे अब महंगाई और बेरोजगारी बर्दाश्त नहीं करेंगे।

उन उपचुनावों में हार के बाद स्वयं हिमाचल के मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर जी ने इस बात को स्वीकारा था कि भाजपा की हार महंगाई की वजह से हुई है। पर सवाल ये उठता है की क्या उन चुनावों के बाद महंगाई कम हुई?

स्पष्ट है की इस चुनाव को जीतने के लिए भाजपा ने हिमाचल के मतदाताओं को ठगने के लिए हर छल और प्रपंच का इस्तेमाल लिया करण मेहरा ने कहा कि गुजरात में हम चुनाव हारे हैं, हिम्मत और हौसला नहीं। चुनावी जीत भाजपा को देश को महंगाई और बेरोजगारी की आग में झोंकने की खुली छूट नहीं देती।

खुली छूट भाजपाई सत्ता को हरगिज नहीं देंगे : Karan Mahara

हम जनमत को स्वीकार करते हुए जनता को जगाने के लिए अपने प्रयासों को दोगुना करने का संकल्प लेते हैं। हम हिमाचल और देश की लड़ाई लड़ते रहेंगे और देश के संसाधनों की लूट और देश के लोगों को महंगाई, बेरोजगारी में झोंकने की खुली छूट भाजपाई सत्ता को हरगिज नहीं देंगे।

देखते हैं कि देश का सद्भाव बिगाड़ कर, संवैधानिक संस्थाओं का दमन करके, एजेंसियों के दुरुपयोग से प्रतिपक्षी नेताओं को झूठे मुकदमों में फँसा कर, विपक्षियों को बदनाम कर के भाजपा कब तक सत्ता हथियाती है?

माहरा ने कहा कि मेरा मानना है की देश में लोकतंत्र बचाने के लिए कांग्रेस को जनता के पास जाकर सीधे आर्थिक सहयोग और राजनीतिक समर्थन मांगने पर विचार करना चाहिए ताकि भाजपा और उसके धनबल को चुनाव में हराया जा सके।

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