Congress ready to open doors for rebel MLA
देहरादून। Congress ready to open doors for rebel MLA उत्तराखंड की राजनीति में एक बार फिर हलचल शुरु हो गई है। प्रदेश में अब अगला चुनाव 2022 में विधानसभा के लिए होना है और इसे लेकर कांग्रेस में सुगबुगहाट शुरु हो गई है।
2016 में सत्तासीन पार्टी को झटका देने वाले और तत्कालीन मुख्यमंत्री हरीश रावत की सरकार को गिराने वाले नेताओं के लिए भी पार्टी के दरवाजे खुल गए हैं।
सबसे बड़ी बात यह है कि अब तक सीबीआई केस में गिरफ्तारी की आशंका के बीच झूल रहे पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत भी पुराने गिले-शिकवे मिटाने को तैयार हैं।
उत्तराखंड में सबसे खराब स्थिति में पहुंच गई कांग्रेस के पास 11 से ज्यादा विधायक होते अगर 2016 में 10 नेता बगावत कर पार्टी न छोड़ते। माना जाता है कि पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत के लिए यह निजी झटका था लेकिन 2017 में ऐतिहासिक हार झेलने वाले रावत अब पुरानी बातों को दफन करने को तैयार हैं लेकिन शर्तों के साथ।
नाराजगी को साइड करने के लिए भी तैयार
पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत का कहना है कि गिले-शिकवे तो रहेंगे ही लेकिन पार्टी की भलाई के लिए नाराजगी को साइड करने के लिए भी वह तैयार हैं।
हालांकि हरीश रावत इसके लिए एक शर्त भी रखते हैं और वह शर्त है समय की, रावत कहते हैं कि अभी, जबकि पार्टी को मजबूत बनाने की जरूरत है, तब जो आएगा उसका स्वागत होगा। बाद में जब सारे संकट गुजर जाएंगे तब आने का कोई मतलब नहीं रह जाएगा।
हरीश रावत तो बागियों को माफ करने को तैयार हैं लेकिन पार्टी के युवा नेता इसमें बहुत इच्छुक नजर नहीं आते। कांग्रेस के पूर्व राष्ट्रीय सचिव प्रकाश जोशी कहते हैं कि पार्टी को संकट में डालने वालों को कभी माफ नहीं करना चाहिए।
वह आशा जताते हैं कि पार्टी आलाकमान कोई भी फैसला लेते समय स्थानीय कार्यकर्ताओं की भावनाओं का ध्यान जरूर रखेगा।
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