Contradictions over Dalit Chief Minister
सिद्धू पर भाजपा से नहीं अपने नेताओं से पूछें कांग्रेस
देहरादून। Contradictions over Dalit Chief Minister भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक ने कहा कि चुनाव नजदीक आते ही कांग्रेस का दलित प्रेम कोई आश्चर्य करने वाली बात नहीं, क्योंकि कांग्रेस की यह रीति, नीति और परम्परा का हिस्सा है। उन्होंने कहा कि उनकी पार्टी में भी दलित मुख्यमंत्री को लेकर विरोधाभास है।
नेता प्रतिपक्ष भी उनकी मंशा को नकार चुके हैं और कह चुके हैं कि इसमें देर हो गई है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने राज्य में दलितों को अग्रिम पंक्ति में आने ही नहीं दिया और जब कांग्रेस ऐसा करती तो तब वहां हर बार कांग्रेस के नेता खुद ही सीएम की दौड़ में शामिल हो जाते है।
पंजाब में भी कांग्रेस की कोई मंशा दलित मुख्यमंत्री को लेकर नहीं रही और चुनाव आते ही दलित समुदाय के व्यक्ति की चुनाव तक नियुक्ति कर जिससे वोट के लिए उनका इस्तेेमाल किया जा सके। ऐसा नहीं की यह आशंका हो, बल्कि खुद कांग्रेस ने नवजोत सिद्धू को सीएम के चेहरे के तौर पर घोषित भी कर दिया।
कांग्रेस से दलित नेतृत्व और समुदाय ने दूरी बना ली : Madan Kaushik
उन्होंने कहा कि यही वोट बैंक की राजनीति उतराखंड में भी करने की कोशिश की जा रही है। आज कांग्रेस की अवसरवादी प्रवृति से कांग्रेस से दलित नेतृत्व और समुदाय ने दूरी बना ली है और अब वह कांग्रेस की इस्तेेमाल करने की नीति के झान्से में नहीं आने वाला है।
श्री कौशिक ने कहा कि सिद्धू को लेकर सवाल पूछ्ने वाली कांग्रेस को खुद ही आत्म मंथन करना चाहिए कि देश के खिलाफ ज़हर उगलने वालों के साथ गलबहियां देश कैसे माफ़ कर सकता है। सिद्धू के पक्ष में कई तर्क दे रही कांग्रेस जानबूझकर सैनिको की शहादत और सर्जिकलस्ट्राइक के सुबूत माँगने वाले मुद्दे से अनजान बनने की कोशिश कर रहे हैं।
सिद्धू की पाकिस्तान के आर्मी चीफ़ के साथ गले मिलने और इमरान के साथ दोस्ती को लेकर देश के लोग पहले भी आक्रोश जता चुके हैं। खुद उनकी ही पार्टी के पूर्व सीएम कैप्टन अमरिन्दर सिंह सिद्धू को लेकर राष्ट्रीय सुरक्षा को लेकर आशंका जता चुके हैं। इसका जबाब कांग्रेस को भाजपा से नहीं बल्कि अपने नेताओं से पूछ्ना चाहिए।
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