Crores of rupees are being siphoned off in advertising
मुख्यमंत्री की राष्ट्रीय मीडिया कोऑर्डिनेटर की नियुक्ति संदेह के घेरे में !
देहरादून। Crores of rupees are being siphoned off in advertising कांग्रेस नेता अभिनव थापर ने कांग्रेस मुख्यालय से प्रेस वार्ता कर सूचना विभाग द्वारा बाहरी गुमनाम पत्रिकाओं को करोड़ों की बंदरबाट के मामले का पर्दाफाश किया। प्राप्त जानकारी के अनुसार सूचना विभाग द्वारा 13.01.2022 को 72 लाख के विज्ञापन का आदेश सिर्फ 6 महीने पुरानी एक ऐसी पत्रिका (खबर मानक) को जारी कर दिया गया, जिसकी उत्तराखंड और राष्ट्रीय स्तर पर विशेष सरकुलेशन या पहचान नहीं थी, सूत्रों के अनुसार यह भी खबर है उक्त पत्रिका को इसके बाद भी करोड़ों रुपए के विज्ञापन सभी नियमों को ताक पर रखकर दिए गए है।
उल्लेखनीय है की यह पत्रिका 2021 में ही दिल्ली से शुरू हुई है और इस पत्रिका के मुख्य कर्ताधर्ता भी उत्तराखंड से बाहर के ही लोग है। सोशल मीडिया के माध्यम से खबर आई है की उक्त पत्रिका के प्रधान संपादक अर्चना राजहंस को मुख्यमंत्री द्वारा “नेशनल मीडिया कोआर्डिनेटर” नियुक्त किया गया।
नेशनल मीडिया कोऑर्डिनेटर बहुत ही महत्वपूर्ण पद है और इसको नियुक्त करने के लिए सरकार अपनी तरफ से आदेश और विज्ञप्ति जारी करती है किंतु Public Domain में इस प्रकार का कोई भी दस्तावेज उपलब्ध नहीं है। 92 Followers वाली अर्चना राजहंस की X–Account ID से उन्होंने स्वयं को “उत्तराखंड मुख्यमंत्री का National Media Coordinator होने” की पुष्टि करी।
सोशल मीडिया पर विरोध होने के बाद अर्चना राजहंस ने तत्काल इस पद को अपने X Account से हटा दिया किंतु आज भी वह सबसे ऊपर जो पिन ट्वीट है उसमे मुख्यमंत्री के लिए प्रचार करती है।
कांग्रेस प्रवक्ता अभिनव थापर ने सरकार और सूचना विभाग से निम्न प्रश्न है की:–
- खबर मानक और इन जैसी तमाम बाहरी पत्रिकाओं और पोर्टलों को किन मानकों के आधार पर लाखों/करोड़ों रुपए के विज्ञापन जारी किए गए? उनका सर्कुलेशन/ Reach देश में या उत्तराखंड में कितनी है, यह प्रदेश की जनता को बताया जाए?
- खबर मानक और इन जैसी तमाम बाहरी पत्रिकाओं और पोर्टलों को सूचना विभाग द्वारा 2021 से लेकर आज तक कब-कब कितना विज्ञापन धनराशि जारी की गई और उसमें क्या मानक देखे गए?
- यदि खबर मानक और उन जैसी एजेंसियों को नियमों को ताक पर रख कर बांटे गए उत्तराखंड के सरकारी खजाने के करोड़ों रुपए पर बांटे गए तो ब्याज सहित रिकवरी का क्या प्रावधान है?
- खबर मानक की प्रधान संपादक अर्चना राजहंस जी ने किन दस्तावेजों या नियुक्ति पत्र के आधार पर अपने आप को सोशल मीडिया में राष्ट्रीय मीडिया कोऑर्डिनेटर मुख्यमंत्री उत्तराखंड लिखा?और यदि कोई दस्तावेज नहीं था तो सूचना विभाग को तत्काल उत्तराखंड सरकार की फर्जी नियुक्ति करने वाले व्यक्ति पर मुकदमा दर्ज कर कानूनी कार्यवाही करनी चाहिए।
- उत्तराखंड से किन बाहरी पत्रिकाओं को “2 लाख रुपए से अधिक के कितने और कब विज्ञापन बांट दिए गए,” इस विषय की तत्काल जांच हो और इस विषय पर सूचना विभाग, उत्तराखंड सरकार को श्वेत–पत्र जारी करना चाहिए।
कांग्रेस प्रवक्ता अभिनव थापर ने कहा की उत्तराखंड राज्य 1 लाख करोड़ रुपए से अधिक के कर्ज में डूबा हुआ राज्य है और इसके बाद भी यदि किसी बाहरी, गैर जरूरी, मानकों के विपरीत किसी भी मैगजिन, पत्रिका या पोर्टल पर करोड़ों रुपया की बंदरबाट होती है तो यह जानता के धन के साथ खुल्ली लूट है।
दोषियों के खिलाफ तत्काल कानूनी कार्यवाही हो और बंदरबाट हुई सरकारी धन की रिकवरी/ वसूली पर कार्यवाही की जाए। यह उत्तराखंड की जनता की आंखों में धूल झोंकने जैसा है जिसका कांग्रेस पार्टी पुरजोर तरीके से विरोध करती है। प्रेस वार्ता मे कांग्रेस प्रवक्ता अभिनव थापर के साथ अमरजीत सिंह, सुलेमान अली, मोहन काला, मोहित मेहता, दिवेश उनियाल, दिनेश चौहान, गुल मोहम्मद, आदि ने भाग लिया।
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