Development of Uttarakhand My first priority
देहरादून। Development of Uttarakhand My first priority शपथ ग्रहण के उपरान्त मीडिया से अनौपचारिक वार्ता करते हुए राज्यपाल बेबी रानी मौर्य ने अपनी प्राथमिकताएं बताई। उन्होंने कहा कि ‘‘यह मेरे लिए गौरव का विषय है कि मुझे देवभूमि उत्तराखण्ड की सेवा करने का अवसर मिला है।
संवैधानिक दायित्वों एवं मर्यादाओं का पालन करते हुए उत्तराखण्ड के सर्वांगीण विकास में योगदान करना मेरी सबसे पहली प्राथमिकता है। राज्य में एक लोकप्रिय चुनी हुई सरकार है। अपने संवैधानिक दायित्वों को निभाते हुए सरकार को सकारात्मक सहयोग प्रदान करना मेरी प्राथमिकताओं में से एक है।
विकास के नये आयाम बनाते हुए उत्तराखण्ड देश के शीर्षस्थ राज्यों में से एक बने यही मेरी प्राथमिकता है। महिला सशक्तिकरण, बालिका शिक्षा, स्वच्छता अभियान से जुड़ी योजनाओं को और मजबूती दी जायेगी। उच्च शिक्षा के क्षेत्र में क्वालिटी एजुकेशन और रिसर्च को प्रोत्साहित किया जायेगा।
उत्तराखण्ड अपनी स्कूली शिक्षा के लिए देश-विदेश में विख्यात है। यहाँ की उच्च शिक्षा भी उतनी ही प्रसिद्ध हो यह जरूरी है। प्रधानमंत्री जी ने ‘न्यू इंडिया’ का संकल्प लिया है, इसके लिए हमें ‘न्यू उत्तराखण्ड’ बनाना होगा जो देश की तरक्की में अपना शत-प्रतिशत योगदान दे।’’
प्रशासनिक एवं सामाजिक दायित्वों का निर्वहन किया
उत्तराखण्ड की राज्यपाल बेबी रानी मौर्य का एक दीर्घ, समृद्धि, प्रशासनिक, राजनीतिक और सार्वजनिक जीवन का अनुभव रहा है। राज्यपाल नियुक्त होने से पूर्व बेबी रानी मौर्य ने सक्रिय रूप से राजनैतिक, प्रशासनिक एवं सामाजिक दायित्वों का निर्वहन किया है।
श्रीमती मौर्य वर्ष 1995 से वर्ष 2000 तक आगरा की महापौर रहीं हैं, जहाँ उन्होंने एक कुशल प्रशासक के रूप में कई उल्लेखनीय कार्य किए। वर्ष 1997 में श्रीमती मौर्य ने वर्तमान राष्ट्रपति और तत्कालीन अध्यक्ष राष्ट्रीय अनुसूचित मोर्चा राम नाथ कोविंद की अध्यक्षता में कोषाध्यक्ष के रूप में कार्य किया।
वर्ष 2001 में प्रदेश, सामाजिक कल्याण बोर्ड की सदस्य रहीं हैं। वर्ष 2002 में राष्ट्रीय महिला आयोग की सदस्य के रूप में नारी सशक्तिकरण तथा महिला कल्याण के क्षेत्र में प्रमुख भूमिका निभाई। इन महत्वपूर्ण उत्तरदायित्वों के साथ-साथ श्रीमती मौर्य लगातार सक्रिय रूप से सामाजिक कार्यो के प्रति समर्पित रहीं हैं।
महिला सशक्तिकरण एवं बालिका शिक्षा के प्रति बेहद संवेदनशील
श्रीमती मौर्य विगत 18 वर्षो ‘नव चेतना जागृति संस्था‘ के माध्यम से दलित एवं पिछड़ी हुई महिलाओं के लिए जागरूकता एवं न्याय दिलाने का कार्य कर रही हैं। श्रीमती मौर्य महिला सशक्तिकरण एवं बालिका शिक्षा के प्रति बेहद संवेदनशील हैं और सेवा भारती संस्था के माध्यम से बच्चियों को शिक्षा के प्रति जागरूक कराना तथा गरीब बस्तियों में महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने की मुहिम में शामिल रहीं हैं।
समाज के प्रति योगदान को देखते हुए उन्हें समय समय पर कई सम्मान भी प्राप्त हुए है। श्रीमती मौर्य को वर्ष 1996 में सामाजिक कार्यों के लिए ‘‘समाज रत्न’’, 1997 में ‘‘उत्तर प्रदेश रत्न’’ और वर्ष 1998 में ‘‘नारी रत्न’’ से भी सम्मानित किया गया है।