DIG Garhwal strict on illegal mining
देहरादून। DIG Garhwal strict on illegal mining राजधानी देहरादन समेत हरिद्वार और गढ़वाड मंडल के कई जिलों में अवैध खनन की शिकायतें लगातार मिल रही है। बावजूद इसके इन जिलों के पुलिस प्रभारी अवैध खनन के खिलाफ कोई कदम नहीं उठा रहे है।
इसकी तस्दीक खुद पुलिस के आंकड़े कर रहे हैं। ऐसे में पुलिस की कार्यशैली पर सवाल खड़े होने लाजमी है। देहरादून जिले में पिछले तीन सालों में अवैध खनन के बहुत कम मामले दर्ज किए गए है। हालांकि अब खुद डीआईजी गढ़वाल नीरू गर्ग ने इस मामले में सख्ती दिखाई है।
डीआईजी गढ़वाल नीरू गर्ग की माने तो उनके परिक्षेत्र से अवैध खनन की शिकायतें इन दिनों काफी संख्या में आ रही है। ऐसे में उन्होंने संबंधित जिले के थाना-कोतवाल सहित जनपद प्रभारी को तत्काल कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं।
इसके बावजूद भी अवैध खनन पर लगाम नहीं लगती है तो संबंधित थानाध्यक्ष सहित जनपद प्रभारी को इसका जिम्मेदार मानते हुए सख्त कार्रवाई की जाएगी। देहरादून जिले में दिन-रात खनन की शिकायतें आने के बावजूद वर्ष 2018 से लेकर 2020 तक यानी तीन साल में केवल 82 मुकदमें ही खनन अधिनियम के तहत दर्ज हुए हैं।
नदियों से अवैध खनन की काफी शिकायतें आ रही हैं
राजधानी देहरादून की बात करें तो यहां पछवादून इलाके से निकलने वाली यमुना नदी के बाद टोंस, आसन, सारणा, शीतला और डोईवाला क्षेत्र से बहने वाली सुसाव और सौंग जैसे नदियों से अवैध खनन की काफी शिकायतें आ रही हैं।
वो भी तक जबकि इन नदियों में किसी भी तरह का खनन करना पूरी तरह से प्रतिबंधित है। हरिद्वार की बात करें तो यहां देश-दुनियां की आस्था का प्रतीक गंगा नदी में अवैध खनन पूरी तरह प्रतिबंधित होने के बावजूद धड़ल्ले से अवैध खनन हो रहा है।
इतना ही नहीं हरिद्वार से होकर निकलने वाली- बाण गंगा, पीली नदी और रो जैसे नदियों में भी दिन-रात अवैध खनन का खेल चरम पर है। देहरादून-हरिद्वार सहित गढ़वाल परिक्षेत्र के अंतर्गत आने वाले कई नदियों में अवैध खनन का ये खेल बड़े आराम से चल रहा है।
डीआईजी गढ़वाल नीरू गर्ग भी मानती है कि पिछले कुछ समय से एक बार फिर इस विषय पर शिकायतों का ग्राफ तेजी से बढ़ा है। डीआईजी गर्ग के मुताबिक खुद उनके पास भी सीधे तौर पर इन दिनों काफी शिकायतें अवैध खनन को लेकर आ रही है.।
ऐसे में संबंधित जिलों के प्रभारियों को निर्देशित किया गया है कि इन मामलों पर तुरंत कार्रवाई की जाए। अगर हिदायत के बावजूद इस संबंध में कहीं कोई संलिप्तता या लापरवाही पाई जाती है तो, संबंधित थाना राजपत्रित अधिकारी सहित जिले के जनपद प्रभारी को जिम्मेदार मानते हुए सख्त कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी।
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