अल्मोड़ा । नियुक्ति, पेंशन व अन्य सुविधाओं की मांग को लेकर एसएसबी स्वयंसेवक सार्वजनिक अवकाश रविवार के दिन भी कलक्ट्रेट में धरने पर डटे रहे। इस दौरान धरना स्थल पर बैठक कर उन्होंने राज्य के विधायकों व सांसदों से नियुक्ति के लिए प्रभावी पहल करने की मांग उठाई। संकल्प लिया कि जब तक समस्या का निदान नहीं हो जाता है, आंदोलन जारी रहेगा। रविवार को जिले के हवालबाग, भैसियाछाना, ताकुला, धौलादेवी व लमगड़ा विकास खंडों के स्वयंसेवक बैठे। धरना स्थल पर हुई बैठक में वक्ताओं ने कहा कि वह पिछले आठ सालों से नियुक्ति व पेंशन की मांग को लेकर संघर्ष कर रहे हैं, लेकिन अब तक उनकी कोई सुध ही नहीं ली गई है।
जिससे एसएसबी से प्रशिक्षित स्वयंसेवकों के समक्ष आजीविका का संकट खड़ा हो गया है। वक्ताओं का कहना था कि उन्होंने साल 2001 तक एसएसबी के माध्यम से गुरिल्ला वार का प्रशिक्षण लिया। अब से अब तक 16 सालों का लंबा सपफर बीत चुका है, लेकिन स्वयंसेवकों को न तो नियुक्ति मिल पाई है और न ही पेंशन। इससे वह अपने आगामी भविष्य को लेकर चिंतित हैं। नियुक्ति के नाम पर केंद्र सरकार की ओर से साल 2015 में स्वयंसेवकों का सत्यापन तो किया गया लेकिन अब तक किसी भी स्वयंसेवक को न तो नियुक्ति मिली और न ही पेंशन। स्वयंसेवकों ने कहा है कि यदि जल्द उनकी सुध नहीं ली गई तो वह उग्र आंदोलन को बाध्य होंगे। धरने पर शिवराज बनौला, संजय कुमार, गोपाल सिंह, जगदीश सुयाल, आनंदी महरा, भानु पंत, ममता मेहता, दीपा साह, कविता साह, दया पैनवाल, रेखा बगड़वाल व दीपा परगाई आदि बैठे।