Doli Yatra of Chalda Mahasu Maharaj
दो साल बाद समाल्टा के लिए प्रस्थान किया चालदा महाराज ने
हजारों की संख्या में उमडे़ श्रद्धालु
देहरादून। Doli Yatra of Chalda Mahasu Maharaj प्रदेश के पर्यटन, लोक निर्माण, सिंचाई, धर्मस्व एवं संस्कृति मंत्री सतपाल महाराज ने सोमवार को जौनसार बावर क्षेत्र स्थित मोहना धाम पहुंच कर चालदा महासू महाराज के दर्शन करने के साथ-साथ डोली यात्रा में भी शामिल हुए।
चकराता स्थित जौनसार बावर क्षेत्र के मोहना धाम में सोमवार को श्री चालदा महासू महाराज के दर्शनों और उनकी पावन डोली यात्रा में शामिल होने के लिए भक्तों का अपार जनसमूह दिखाई दिया। इस पुनीत अवसर पर प्रदेश के पर्यटन, लोक निर्माण, सिंचाई, धर्मस्व एवं संस्कृति मंत्री सतपाल महाराज ने भी इस विशाल धार्मिक आयोजन में प्रतिभाग किया।
मेरे लिए यह सौभाग्य की बात है कि मुझे इस धार्मिक अनुष्ठान और चालदा महासू महाराज की पावन डोली यात्रा में शामिल होने का सुअवसर प्राप्त हुआ। महासू देवता जौनसार बावर जनजाति क्षेत्र ही नहीं अपितु हिमाचल प्रदेश तक माने जाने वाले देवों के देव, इष्ट देव हैं। pic.twitter.com/YQilOXdUdX
— Satpal Maharaj (@satpalmaharaj) November 22, 2021
इस अवसर पर सतपाल महाराज ने कहा कि महासू देवता जौनसार बाबर जनजाति क्षेत्र ही नहीं बल्कि हिमाचल प्रदेश तक माने जाने वाले देवों के देव इष्ट देव हैं। उन्होंने बताया कि चार भाई महासू में से चालदा महासू महाराज पवित्र मोहना धाम के भवन में विराजमान थे जो कि अब यहाँ से समाल्टा के लिए प्रस्थान कर चुके हैं।
चालदा महाराज का आगमन मोहना गांव में 36 साल के बाद 23 नवम्बर 2019 में हुआ था। लगभग 2 वर्ष मोहना में रहने के पश्चात सोमवार को चालदा महासू महाराज की पावन डोली ने समाल्टा के लिए प्रस्थान किया।
पर्यटन, लोक निर्माण, सिंचाई, धर्मस्व एवं संस्कृति मंत्री सतपाल महाराज ने कहा कि उनके लिए लिए यह सौभाग्य की बात है कि उन्हें भी इस धार्मिक अनुष्ठान और चालदा महासू महाराज की पावन डोली यात्रा में शामिल होने का अवसर प्राप्त हुआ है।
मोहना गांव सात खतों मोहना, द्वार, विशलाड, बोन्दूर, तपलाड, अटगांव और बंणगांव का मुख्य केन्द्र है। धार्मिक मान्यता है कि हूंणा भाट ब्राह्मण द्वारा खेत में चौथी सींह (हल की रेखा) लगते ही चालदा महाराज स्वयं ही प्रकट हुए थे।
चालदा महाराज हमेंशा क्षेत्र भ्रमण पर रहते हैं। वह एक स्थान पर अधिक समय तक निवास नहीं रहते इसलिए उन्हें चालदा महाराज कहा जाता है। चालदा महासू महाराज को विदा करने के अवसर पर जहाँ एक ओर प्रदेश के पर्यटन, लोक निर्माण, सिंचाई, धर्मस्व एवं संस्कृति मंत्री सतपाल महाराज विशेष रूप से उपस्थित रहे वहीं हजारों की संख्या में स्थानीय लोग एवं श्रद्धालु उपस्थित भी इसके साक्षी बने।
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