Doon Cardiologist Department
देहरादून। Doon Cardiologist Department राजकीय दून मेडिकल कॉलेज के कार्डियोलॉजिस्ट डॉ0 अमर उपाध्याय व कार्डियेक सर्जन डॉ0 विकास द्वारा स्वास्थ्य जगत के इतिहास में सबसे जटिल ऑपरेशन में से एक आपरेशन कर हेल्थ फील्ड में नई सम्भावनाओ को जन्म दिया है।
कार्डियोलॉजिस्ट डॉ0 अमर उपाध्याय व कार्डियेक सर्जन डॉ0 विकास द्वारा एक 7 वर्षीय बच्ची के दिल की पूरी तरीके से ब्लॉकेज होने पर उसके दिल मे पेसमेकर लगाकर उसको नई जिंदगी दी है। बच्ची के मामले की जटिलता को देखते हुए सभी अस्पतालों द्वारा बच्ची के ईलाज के लिए मना कर दिया गया था।
रुद्रपुर निवासी एक 7 वर्षीय बच्ची के दिल मे छेद था, जिसका उसके माता पिता द्वारा पूर्व में आपरेशन किया गया था। उक्त आपरेशन के उपरान्त बच्ची के रिकवरी पीरियड के दौरान बच्ची को सांस लेने में तकलीफ होने लगी व उसके द्वारा ज़्यादा एक्टिविटी भी नही की जा रही थी व उसके बर्ताव में चिड़चिड़ापन दिखने लगा था।
उक्त सब लक्षणों पर बच्ची के माता पिता द्वारा बच्ची को दोबारा चिकित्सको को दिखाने पर उसे कम्पलीट हार्ट ब्लॉकेज है। बच्ची की उस हालत पर कई जगह चिकित्सको ने केस लेने से मना कर दिया था।जिसके बाद उक्त बच्ची के माता पिता उसे दून अस्पताल लाये व हृदय रोग विभाग से बच्ची की जांच करवाई।
जांच में कार्डियोलोजिस्ट डॉ0अमर उपाध्याय द्वारा बच्ची को पेसमेकर लगाने का निश्चय किया किन्तु बच्ची की उम्र छोटी होने के चलते आपरेशन में काफी जटिलताएं थी किन्तु डॉ0अमर उपाध्याय द्वारा फिर भी बच्ची का आपरेशन करने का तय किया गया।कार्डियोलॉजिस्ट डॉ0अमर उपाध्याय व कार्डियेक सर्जन डॉ0 विकास सिंह द्वारा उक्त बच्ची का निःशुल्क सफल आपरेशन कर उसके शरीर मे पेसमेकर फिट किया गया।
डॉ0अमर उपाध्याय ने बताया कि पारंपरिक पेसमेकर बुजुर्ग मरीजों को लगाया जाता है जिनके द्वारा भागदौड़ वाले कार्य अमूमन कम किये जाते थे वहीं इस इस मामले में 7 वर्षीय बच्ची के जीवनकाल में किशोरावस्था से लेकर प्रेग्नेंसी जैसे पड़ाव आएंगे जिस दौरान दिल की धड़कन तेज हो सकती है।
उन्होंने बताया कि स्वास्थ्य इतिहास में अभी तक ऐसे आपरेशन का जिक्र नही है। उन्होंने बताया कि उनके द्वारा कंडक्शन सिस्टम पासिंग डिस्टल कंडक्शन सिस्टम इनगेज कर सर्जरी को अंजाम दिया। डॉ विकास ने बताया कि बच्ची के मसल्स मे पेसमेकर डिवाइस की पकड़ बनाने के लिए डीप पॉकेट बनाया गया।
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