Dr. Irshad Kamil को मिलेगा 10वां शैलेन्द्र सम्मान
देहरादून । जब वी मेट, लव आजकल आदि फिल्मों में बेहतर गीत गाने वाले Dr. Irshad Kamil को 10वां शैलेन्द्र सम्मान मिलेगा। गीतकार डा. सागर ने दून में इसकी घोषणा की। इरशाद कामिल को शैलेंद्र की 95वीं जयंती पर 30 अगस्त को यह सम्मान दिया जाएगा। आवारा, जिस देश में गंगा बहती है आदि फिल्मों के गीतकार रहे शैलेन्द्र की याद में सोमवार को केंद्रीय विद्यालय हाथीबड़कला में 10वें शैलेन्द्र सम्मान की घोषणा की गई।
इसके लिए गठित कमेटी की बैठक में यह निर्णय लिया गया। इस मौके पर छात्रों ने शैलेंद्र के गीत प्रस्तुत किए। इसके बाद निर्णायक समिति के सदस्य और बॉलीवुड गायक डा. सागर ने डाॅ. इरशाद कामिल को इस सम्मान देने की घोषणा की। डाॅ. इरशाद ने जब वी मेट,लव आजकल, रांझणा, चमेली, सुल्तान और टाइगर जिंदा है आदि फिल्मों में बेहतरीन गीत लिखे हैं। इस दौरान डा. सागर ने डाॅ. इरशाद कामिल के गीतों की सराहना की।
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शैलेन्द्र और साहिर की परंपरा को आगे बढ़ा रहें
Dr. Irshad Kamil ने कहा कि वह अपने गीतों के जरिए शैलेन्द्र और साहिर की परंपरा को आगे बढ़ा रहें हैं। उनके गीत स्तरीयता और लोकप्रियता के जीवंत दस्तावेज हैं। कथाकार जितेन्द्र ठाकुर ने कहा कि शैलेन्द्र ने अर्थपूर्ण गीत लिखने के साथ ही तीसरी कसम जैसी सुंदर क्लासिक फिल्म बनाकर साहित्यिक कहानियों पर फिल्म निर्माण का कार्य किया। कथाकार सुभाष पंत ने कहा कि कहानियों की जादूगर प्रेमचन्द की तरह शैलेन्द्र गीतों के जादूगर थे।
कार्यक्रम के अध्यक्ष पद्मश्री लीलाधर जगूड़ी ने शैलेन्द्र के फिल्मी गीत को श्रेष्ठ बताया। कहा कि धुनों पर गीत लिखना मुश्किल काम है। जिसे उन्होंने आसान किया। शैलेन्द्र मेमोरियल ट्रस्ट के अध्यक्ष डा. इन्द्रजीत सिंह ने कहा कि उन्होंने इश्क और इंकलाब के बेहतरीन गीत रचकर सामाजिक सरोकारों का परिचय दिया है। इस दौरान साहित्यकार प्रेम साहिल, प्रतिभाग कटियार, रंजीता सिंह, कमल नारायण पटेल, रश्मि भटनागर, प्रवीण कुमार, रक्षक, माया चैरसिया आदि मौजूद रहे।