Dr. Rajeev Kurele
देहरादून ( हरिशंकर सिंह )| Dr. Rajeev Kurele उत्तराखंड आयुर्वेद विश्वविद्यालय के मुख्य परिसर हररावाला में चरक जयंती समारोह का आयोजन किया गया। इस अवसर पर विश्व विद्यालय के समस्त छात्र-छात्राएं एवं शिक्षक गण उपस्थित रहे। कार्यक्रम का कुशल संचालन डॉक्टर नवीन जोशी एसोसिएट प्रोफेसर ने किया।
सर्वप्रथम चरक महर्षि के चित्र का माल्यार्पण एवं पूजन किया गया तदोपरांत विश्वविद्यालय के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ राजीव कुरेले ने आचार्य चरक के विषय में उनकी जीवनी एवं सिद्धांतों को विस्तार पूर्वक बताया तथा आचार्य चरक के सिद्धांतों आज के परिपेक्ष में किस प्रकार से रोगियों को तथा रोगियों को तथा आम जीवन के लिए किस प्रकार से लाभान्वित हो सकते हैं, इसके बारे में बताया।
उन्होंने बताया कि यदि हम चरक प्रर्णीत आयुर्वेदिक सिद्धांत एवं चिकित्सा नियमों का अगर हम पालन करते हैं तो हम निश्चित रूप से आरोग्य प्राप्त करेंगे। चरक ने कहा था सारी बातों को छोड़कर शरीर की चिंता कीजिए ,अगर शरीर है तो सब कुछ है और शरीर नहीं है तो कुछ भी नहीं है ।
इसके बाद विश्वविद्यालय के एसोसिएट प्रोफेसर नंदकिशोर दधीचि जी ने चरक के सिद्धांतों को आम जनता तक लाभान्वित करने के लिए बताया तथा सभी लोगों ने चरक शपथ ग्रहण करके चरक के सिद्धांतों को अपने जीवन में अपनाने के लिए संकल्प लिया।
मुख्य परिसर के निदेशक प्रोफेसर राधाबल्लभ सती ने चरक संहिता पर विस्तृत प्रकाश डाला तथा विभिन्न आयामों पर प्रमुख रूप से प्रकाश डाला एवं रोगियों को किस प्रकार से लाभ पहुंच सकता है ,इस विषय में विस्तार से बताया तथा छात्रों से आवाहन किया कि चरक के सिद्धांतों को अपने जीवन में उतार कर एक आदर्श चिकित्सक के रूप में अपने संस्थान एवं आयुर्वेद का नाम रोशन करें।
कार्यक्रम के अंत में एसोसिएट प्रोफेसर डॉ अनुराग वत्स ने बताया के चरक एक प्रैक्टिकल शास्त्र है और इसके सिद्धांत आज के परिपेक्ष में पूर्णता प्रासंगिक हैं। तथा सभी का आभार एवं धन्यवाद ज्ञापन किया। कार्यक्रम में डॉ मन्नत मारवाह डॉ आकांक्षा गुप्ता, डॉ उमापति बारगी एसोसिएट प्रोफेसर, एवं अन्य फैकल्टी सदस्य उपस्थित रहे।
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