इलाहाबाद । डा. राम मनोहर लोहिया द्वारा प्रतिपादित सप्त क्रान्ति, विशेष अवसर का सिद्धान्त, दाम बॉधो, हिमालय बचाओ, नदिया साफ करो जैसी अवधारणाओं से विचलित होने का परिणाम आज देश के सामने है। उक्त बातें मुख्य अतिथि पूर्व केन्द्रीय मंत्री राम पूजन पटेल ने डा. लोहिया की 107वीं जयंती पर सपा के पार्टी कार्यालय पर कही। उन्होंने डा. लोहिया को अद्भुत मेधा के स्वामी, कालजयी व क्रान्तिधर्मी चिन्तक बताया। सपा जिलाध्यक्ष कृष्णमूर्ति सिंह यादव के नेतृत्व में सपा जनों ने सिविल लाइन्स स्थित उनकी मूर्ति पर पुष्प मालाएॅ चढाकर श्रद्धा व्यक्त की। तदोपरान्त कार्यालय में एक गोष्ठी आयोजित की गयी जिसमें वक्ताओं ने डा. लोहिया के व्यक्तित्व की चर्चा करते हुए उनके पदचिन्हों पर चलने का संकल्प दोहराया।
सपा जिलाध्यक्ष ने कहा कि डा. लोहिया ने पूरा जीवन समाजवाद के स्वप्न को धरती पर उतारने में लगा दिया। वे योगी का जीवन जीते रहे और सर्वहारा समाज के लिए संघर्ष करते हुए हमारे लिए अनुकरणीय बन गये। विनोद चन्द्र दुबे ने कहा कि लोहिया के सिद्धांत आज भी प्रासंगिक हैं उन्होंने श्पिछडे पावें सौ में साठश् का जो नारा दिया था उसे चरितार्थ करने की जरूरत है। पूर्व विधायक सत्यवीर ने युवा समाजवादियों को उनकी विचारधाराओं को जानने के लिए विचार गोष्ठियों एवं प्रशिक्षण शिविरों को आयोजित करने पर बल दिया। इस अवसर पर दान बहादुर मधुर, नाटे चैधरी, रवि श्रीवास्तव, राकेश यादव, डा. अच्छे लाल यादव, अरशद हुसैन, हौसला प्रसाद यादव, विजय बहादुर पटेल, अवधेश यादव, अजीत सिंह, अभिषेक यादव, बृजेश यादव आदि मौजूद रहे।