ECI and CBDT
देहरादून। ECI and CBDT जनसंघर्ष मोर्चा अध्यक्ष एवं जीएमवीएन के पूर्व उपाध्यक्ष रघुनाथ सिंह नेगी ने कहा कि मुख्यमन्त्री त्रिवेन्द्र रावत ने वर्ष 2017 के विधानसभा चुनावों में उम्र, सम्पत्ति तथा झूठे तथ्य मामले में निर्वाचन आयोग के समक्ष झूठा शपथ-पत्र दाखिल किया था, जिसको लेकर मोर्चा द्वारा अक्टूबर 2017 में भारत निर्वाचन आयोग (ECI), प्रर्वतन निदेशालय (ED) भारत सरकार तथा अन्य केन्द्रीय एजेन्सियों को शिकायती पत्र सौंपा था, जिसमें त्रिवेन्द्र के काले कारनामों एवं झूठे तथ्यों को खिलाफ कार्यवाही की मांग की गयी थी।
ईसी रोड स्थित एक होटल में आयोजित पत्रकार वार्ता में रघुनाथ सिंह नेगी ने कहा कि ईसीआई ने मामले की गम्भीरता को देखते हुए 19 दिसम्बर 2017 को सभापति, केन्द्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (CBDT) को जाॅंच के निर्देश दिये लेकिन अचानक दबाव में आई (ECI) ने बगैर सीबीडीटी की रिपोर्ट का इंतजार किये व कुछ अन्य कार्यवाही किये बिना ही मोर्चा का मांग-पत्र यह कहते हुए 16.01.2018 को खारिज कर दिया कि आप सेक्शन 125ए आर0पी0 एक्ट 1951 के तहत किसी सक्षम न्यायालय का दरवाजा खटखटायें।
ढाई महीने तक पत्र को क्यों दबाये रखा
महत्वपूर्ण यह है कि ईसीआई ने अगर कार्यवाही नहीं करनी थी तो आखिर ढाई महीने तक पत्र को क्यों दबाये रखा, तथा क्यों सीबीडीटी को निर्देश दिये। हैरानी की बात यह है कि मोर्चा ने पुख्ता सबूतों के आधार पर शिकायत दर्ज करायी थी, जिसमें त्रिवेन्द्र रावत द्वारा वर्ष 2010 में ढैंचा बीज घोटाले से अर्जित काली कमाई से करोड़ों के भू-खण्ड खरीदने, स्टाम्प चोरी, झूठे तथ्यों को लेकर शिकायत की गयी थी।
मोर्चा ने हैरानी जतायी कि लगभग सवा साल में भारत सरकार की तमाम जाँच एजेन्सियाँ आज तक जाँच नहीं कर पायी, यानि दबाव में आकर दम तोड़ गयी। मोर्चा ने व्यंग कसते हुए कहा कि ये एजेन्सियाँ ईसीआई, सीबीडीटी (इनकम टैक्स) ईडी, सीबीआई क्या सिर्फ विपक्षियों/विरोधियों पर शिकंजा/ब्लैकमेलिंग के लिए बनी है। मोर्चा ने केन्द्र सरकार से कहा कि इन एजेन्सियों के बाहर बोर्ड लगा देना चाहिए कि यहाँ सिर्फ विरोधियों की जाँच होती है सत्ता पक्ष की नहीं। पत्रकार वार्ता में मोर्चा महासचिव आकाश पंवार, दिलबाग सिंह, एके कुकरेती, बागेश पुरोहित आदि उपस्थित रहे।
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