रुद्रप्रयाग । केदारघाटी रोजगार बचाओ संघर्ष समिति ने क्षेत्र में बाहरी कंपनियों को दिये जा रहे कार्यों पर आक्रोश जताया है। उन्होंने कहा कि यहां के बेरोजगार युवा रोजगार के अभाव में पलायन करने को मजबूर हैं और बाहरी कंपनियां क्षेत्र में रोजगार कर स्थानीय लोगों का हक छीन रही हैं, जिसका खुले मंच पर विरोध किया जायेगा। दरअसल, केदारघाटी में आपदा कार्य चल रहे हैं।
इन आपदा के कार्यों को बाहरी क्षेत्रों से आये लोग कर रहे हैं और प्रशासन भी इनकी पूरी मदद कर रहा है। ऐसे में केदारघाटी रोजगार बचाओ संघर्ष समिति ने आक्रोश जताया और विधायक रुद्रप्रयाग भरत सिंह चैधरी, केदारनाथ मनोज रावत एवं जिलाधिकारी रंजना वर्मा को ज्ञापन सौंपते हुए निर्माण कार्यों को स्थानीय लोगों को दिये जाने की मांग की। उन्होंने कहा कि जनपद के भीतर केदारनाथ यात्रा के अन्तर्गत संचालित हो रहे प्रीपेड काउंटर का कार्य पिछले कईं वर्षों बाहरी कंपनियों को दिया जा रहा है, लेकिन इस बार ऐसा नहीं होने दिया जायेगा। स्थानीय जनता चाहती है कि जो भी कार्य जनपद के भीतर निर्माणाधीन हैं या फिर होने जा रहे हैं,
उन सभी पर पहली प्राथमिकता के तौर पर स्थानीय लोगों को कार्य सौंपा जाय। जिला प्रशासन भी बाहरी कंपनियों का पूरा समर्थन कर रहा है और बाहरी कंपनियों के सुविधानुसार मानक बनाये जा रहे हैं। उदाहरणः के तौर पर घोड़े-खच्चर, डंडी-कंडी प्रीपेड काउंटर का कार्य पिछले कईं वर्षों से जीमैक्स कंपनी को दिया जा रहा है, जो जम्मू कश्मीर की कंपनी है। ऐसी कंपनी को कार्य सौंपकर स्थानीय युवाओं को रोजगार से वंचित किया जा रहा है, जबकि स्थानीय बेरोजगार नवयुवक उस कार्य को करने में सक्षम हैं। कहा कि प्रीपेड काउंटर के लिए निकाली गई विज्ञप्ति को समायोजित करते हुए स्थानीय लोगों के हित में टेंडर निकाला जाय, स्थानीय लोग भी अपनी परिस्थिति के अनुसार रोजगार पाने में सक्षम हो सकें। ऐसा न होने पर जिला प्रशासन के खिलाफ क्षेत्रीय जनता आंदोलन के लिए विवश हो जायेगा। ज्ञापन में संघर्ष समिति के अध्यक्ष दिवाकर गैरोला, मायाराम गोस्वामी, विपिन गोस्वामी, अरविंद गोस्वामी, हरि प्रसाद, पवन तिवारी सहित र्कइं लोगों के हस्ताक्षर शामिल थे।