Fake drug factory busted
- पुलिस व एएनटीएफ की टीम ने मालिक सहित तीन को किया गिरफ्तार
- संयुक्त टीम की छापेमारी में भारी मात्रा में नशीली दवाइयां व सिरप बरामद
विकासनगर। Fake drug factory busted सहसपुर थाना क्षेत्र के अंतर्गत लाघा रोड पर हर्बल दवा कंपनी में नशीली दवा बनाने वाली फैक्ट्री पर पुलिस और नारकोटिक्स विभाग ने छापेमारी की। हर्बल फैक्ट्री की आड़ में नशीली दवाइयां का निर्माण करने वाली अवैध फैक्ट्री का दून पुलिस ने किया भंडाफोड़। फैक्ट्री के मालिक सहित तीन आरोपियों को पुलिस ने गिरफ्तार किया। आरोपियों के कब्जे से भारी मात्रा में नशीली दवाइयां तथा सिरप भी बरामद किए हैं।
आरोपियों द्वारा नशे की सामग्री तैयार करने में प्रतिबंधित केमिकल और सॉल्ट का इस्तेमाल किया जाता था। फैक्ट्री संचालक डिमांड के हिसाब से ही नशीली दवाएं बनाता था। वह पकड़े जाने के डर से कभी भी नशीली दावाओं का स्टॉक नहीं रखता था। आरोपी द्वारा पूर्व में सेलाकूई क्षेत्र में एक फैक्ट्री में काम करता था। जहां से उसने नशीली, नकली दवाई बनाने की काम सीखा। फिलहाल पुलिस ने सहसपुर थाना में संबंधित धाराओं में मुकदमा दर्ज कर लिया है।
एसएसपी देहरादून अजय सिंह ने बताया पुलिस टीम ने फैक्ट्री के मालिक संजय कुमार सहित दो अन्य आरोपी शिवकुमार तथा रहमान को गिरफ्तार किया है। जिससे पूछताछ की गई है। उन्होंने दो अन्य आरोपी ऋषभ जैन व कन्हैयालाल के भी उनके साथ अवैध नशीली दवाइयों के निर्माण में शामिल होने की जानकारी दी। जिनकी गिरफ्तारी के लिए प्रयास किये जा रहे हैं।
विकासनगर सीओ भास्कर लाल शाह ने बताया लांघा रोड स्थित हर्बल दवाइयां बनाने के काम के लिए लाइसेंस प्राप्त था। उनके द्वारा कुछ नशीली दवाइयां बनाई जा रही थी। संयुक्त टीम ने नशीले कैप्सूल, टेबलेट व नशीले सिरप भारी मात्रा में बरामद किये हैं। पूछताछ में फैक्ट्री के मालिक संजय कुमार ने बताया कि वह पूर्व में सेलाकुई क्षेत्र में एक फैक्ट्री में कार्य करता था, जिसका मालिक उस फैक्ट्री में अवैध रूप से नशीली दवाइयां बनाता था, जिस कारण आरोपी को दवाइयों की सप्लाई तथा डिमांड की पूरी जानकारी थी।
3 वर्ष पूर्व इस फैक्ट्री के मालिक उस्मान को पंजाब पुलिस ने गिरफ्तार किया था। उसके बाद आरोपी ने वर्ष 2023 में ग्रीन हर्बल कंपनी के नाम से फूड लाइसेंस लिया गया था, जहाँ वह फूड लाइसेन्स की आड़ में नशीली दवाइयां बनाने का काम करता था। आरोपी बेहद शातिर किस्म का अपराधी है, जो डिमांड के हिसाब से दवाइयों का निर्माण कर तत्काल उन्हें आगे सप्लाई कर देता था तथा पकड़े जाने के डर से कभी भी अपने पास किसी प्रकार की नशीली दवाइयों का स्टॉक नहीं रखता था।
आरोपी नशे की सामग्री बनाने में प्रतिबंधित केमिकल और साल्ट का प्रयोग करता था। देशभर में तेजी से फैल रहे नकली दवाओं के कारोबार पर लगाम लगाए जाने को लेकर भारत सरकार अलर्ट मोड पर काम कर रही है। जिसके तहत केंद्रीय दवा मानक नियंत्रण संगठन हर महीने दवाओं के सैंपल लेकर उनकी गुणवत्ता की रिपोर्ट जारी कर रहा है।
पिछले कुछ महीने से उत्तराखंड राज्य में निर्मित तमाम दवाइयां के सैंपल फेल होने के बाद उत्तराखंड ड्रग्स कंट्रोल विभाग भी सक्रिय हो गया है। ताकि प्रदेश में नकली दवाइयां के कारोबार पर लगाम लगायी जा सके। एफडीए से मिली जानकारी के अनुसार ड्रग्स विभाग ने पिछले तीन साल में 72 लोगों के खिलाफ केस दर्ज कर 32 लोगों को जेल भेजा है।
प्रदेश में नकली दवाइयों के कारोबार पर शिकंजा कसने को लेकर खाद्य संरक्षा एवं औषधि प्रशासन विभाग लगातार अभियान चला रहा है। हाल ही में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने चारधाम यात्रा और पर्यटन सीजन को देखते हुए एफडीए को वृहद स्तर पर छापेमारी की कार्रवाई करने के निर्देश दिए थे। जिसके बाद से ही ड्रग्स विभाग की टीम पर्यटन स्थलों में स्थित सभी दवा की दुकानों पर छापेमारी करने के साथ ही फार्मा कंपनियों का भी औचक निरीक्षण कर रही है।
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