राज्य सम्पत्ति विभाग का फर्जी अधिकारी चढ़ा दून पुलिस के हत्थे

fake officer of state property department
पकड़ा गया आरोपी।

देहरादून। fake officer of state property department राज्य सम्पत्ति विभाग का फर्जी अधिकारी दून पुलिस के हत्थे चढ़ा है। अभियुक्त द्वारा एक व्यक्ति से उसकी पुत्री की नौकरी लगाने के एवज में धनराशि वसूली गयी थी। जिलाधिकारी कार्यालय में नौकरी का फर्जी नियुक्ति पत्र बनाकर धोखाधड़ी की गयी थी। अभियुक्त के कब्जे से अलग-अलग विभागों के फर्जी पहचान पत्र व अन्य दस्तावेज पुलिस ने बरामद किए हैं।

वादी अनमोल गुप्ता पुत्र मनोज गुप्ता निवासी 52 आढ़त बाजार हाल त्रिरूपति ट्रेवल्स प्रिन्स चैक देहरादून द्वारा कोतवाली नगर में लिखित तहरीर दी कि उनका प्रिन्स चैक पर त्रिरूपति ट्रेवल्स नाम से व्यवसाय है, 18 जनवरी को उनकी दुकान पर एक लड़का आया, जिसने अपना नाम संजय कुमार पुत्र प्रेमदास निवासी 56 जेल कचहरी पौड़ी गढ़वाल बताते हुए उनकी दुकान से एक स्कूटी संख्या यू0के0-07-टीडी-5926 किराये पर ले गया था, जो त्रिरूपति ट्रेवेल्स अनमोल गुप्ता पुत्र मनोज गुप्ता 2/1 त्यागी रोड़ के नाम पर रजिस्टर्ड है।

उक्त व्यक्ति द्वारा शुरू के दस दिनों तक स्कूटी का किराया दिया गया पर अब ना तो वह फोन उठा रहा है और ना हमारी गाड़ी वापस कर रहा है । इस सम्बन्ध में थाना कोतवाली नगर में मु0अ0सं0 70/2024 धारा 406 भादवि पंजीकृत कर विवेचना प्रारम्भ की गयी।

वादी जगदीश सिंह पुत्र भरत सिंह निवासी-कृष्णा एक्लेव आमवाला तरला सहस्त्रधारा रोड़ देहरादून द्वारा तहरीर दी गयी कि उनकी पडोस मे रहने वाले एक व्यक्ति के माध्यम से उनकी पहचान अवनीश भट्ट नाम के एक व्यक्ति से हुई, जिसका उनके पडोसी के घर आना जाना था। अवनीश भट्ट द्वारा अपना पहचान पत्र दिखाते हुए स्वंय को उत्तराखण्ड सचिवालय में राज्य सम्पत्ति विभाग में वर्ग-2 का अधिकारी बताया जाता था।

वादी की पुत्री शिवानी मुयाल जिसने बीबीए किया था उसकी नौकरी के सम्बन्ध में वादी द्वारा अवनीश भट्ट से बात करने पर उसके द्वारा जिलाधिकारी कार्यालय देहरादून में डाटा ऑपरेटर के पद पर उसकी नियुक्ति लगवाने की बात कही गई तथा उसके लिये आवश्यक दस्तावेज तैयार करने के एवज में उनसे 20000 रू0 की मांग की गयी, जो वादी द्वारा उसके बताये हुए नम्बर पर गूगल पे के माध्यम से ट्रांसफर किये गये।

साथ ही अपनी पुत्री के सभी आवश्यक प्रमाण पत्र भी अवनीश भट्ट को दिये। एक सप्ताह पश्चात अवनीश भट्ट द्वारा वादी की पुत्री को एक नियुक्ति पत्र दिया गया जो जिलाधिकारी कार्यालय से जारी किया गया था। उक्त नियुक्ति पत्र को लेकर जब वादी व उनकी पुत्री जिलाधिकारी कार्यालय पहुंचे तो कार्यालय के माध्यम से उन्हें ज्ञात हुआ कि उक्त नियुक्ति पत्र फर्जी है। तहरीर के आधार पर कोतवाली नगर में मु0अ0सं0 71/24 धारा 420, 467, 468, 471 भादवि का अभियोग पंजीकृत कर विवेचना प्रारम्भ की गई।

विवेचना के दौरान अभियुक्त के सम्बन्ध में जानकारी प्राप्त करते हुए पुलिस टीम द्वारा मुखबिर की सूचना पर मुकदमे में वांछित अभियुक्त संजय कुमार पुत्र स्व. प्रेम दास को रेलवे स्टेशन के पीछे बारात घर के पास से स्कूटी संख्या यू0के0-07-टीडी-5926 के साथ गिरफ्तार किया गया। स्कूटी के सम्बन्ध में पूछताछ करने पर अभियुक्त द्वारा उक्त स्कूटी को किराये की होना बताया गया।

पूछताछ में अभियुक्त संजय कुमार द्वारा बताया गया कि वह बी0ए0 पास है तथा ग्राम गिदरासू पौड़ी गढ़वाल का रहने वाला है। करीब डेढ़ वर्ष पूर्व वह टैक्सी कैब में काम करने के लिये देहरादून आया था, परन्तु उसमें ज्यादा फायदा न होने के कारण वह कचहरी में नैना फोटो स्टेट के नाम से एक दुकान मे नोटरी व अटैस्टेड का काम करने लगा।

वही पर अभियुक्त द्वारा राज्य सरकार तथा केन्द्र सरकार के विभिन्न विभागों में अलग-अलग पद की अवनीत भट्ट के नाम से फर्जी पहचान पत्र तथा अवनीत भट्ट व संजय कुमार के नाम से अलग-अलग आधार कार्ड बनाये गये, जिससे उसने समाज कल्याण विभाग में पेन्शन, वृद्धावस्था पेंशन, आर्थिक योजना तथा श्रम विभाग में लोन का पैसा सेटेलमेन्ट का झांसा देकर कई लोगों से पैसों की ठगी की गयी।

कचहरी परिसर में काम करने के दौरान अभियुक्त की मुलाकात प्रिया नाम की एक युवती से हुई, जिसका अभियुक्त द्वारा समाज कल्याण विभाग में आर्थिक योजना का आवेदन पत्र भरा था, जिसका उसको लाभ मिला। अभियुक्त पर विश्वास होने पर प्रिया के माध्यम से उसकी मुलाकात जगदीश मुयाल से हुई , जिनसे अभियुक्त द्वारा उनकी बेटी की नौकरी लगाने की एवज में 20 हजार रू0 अपने परिचत के खाते में डलवाये तथा उनकी पुत्री के शैक्षणिक व अन्य दस्तावेज प्राप्त करते हुए कुछ समय बाद उन्हें जिलाधिकारी कार्यालय में नियुक्ति का फर्जी नियुक्ति पत्र दिया गया।  

अभियुक्त द्वारा अपने मोबाइल पर Picsart और Pixellab नाम से 02 एप डाउनलोड किये गये थे, जिनकी सहायता से वह नाम परिवर्तन कर पहचान पत्र तथा सरकारी आदेशों पर एडिटिंग कर हस्ताक्षर व मोहर स्कैन कर फर्जी दस्तावेज तैयार करता था। अभियुक्त द्वारा उक्त एप के माध्यम से ही कु0 शिवानी मुयाल का फर्जी ज्वॉइनिंग लैटर तैयार कर उस पर जिलाधिकारी देहरादून के हस्ताक्षर स्कैन कर फर्जी नियुक्ति पत्र बनाया गया था तथा उसे कु0 शिवानी मुयाल को उसके पिता जगदीश सिंह की मौजूदगी में दिनांक 02.02.24 को कलेक्ट्रेट परिसर में दिया था।

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