बर्फबारी के बाद पारंपरिक हारुल नृत्य कर झूमे किसान व बागवान

Farmers rejoiced after snowfall
किसान व बागवान हारूल नृत्य करते हुए।

देहरादून। Farmers rejoiced after snowfall चकराता के ग्रामीण इलाकों में शानदार बर्फबारी हो रही है। बर्फबारी से किसानों के चेहरों पर रौनक दिखाई दे रही है। जौनसार बावर स्थित मुंगाड़ और कचाणू गांवों में सीजन की दूसरी बर्फबारी हुई तो नजारा देखने लायक था। जोरदार बर्फबारी देखकर किसान खुद को रोक नहीं पाए और गिरती बर्फ में काफी देर तक पारंपरिक हारुल नृत्य किया।

देहरादून जिले के जौनसार बावर जनजातीय क्षेत्र में सीजन की दूसरी बर्फबारी हुई। बर्फबारी होने से खेती-बागवानी के कार्यों से जुड़े किसानों के चेहरों पर रौनक नजर आ रही है। लम्बे समय से अच्छी बारिश और बर्फबारी का इंतजार कर रहे किसान बागवानों को बर्फबारी होने से अच्छी फसल और फल उत्पादन में बढ़ोत्तरी होने की उम्मीद है।

बर्फ गिरी तो किसान अपने पारंपरिक पोशाक में हारुल नृत्य करने लगे। ऊपर आसमान से रुई की फाहों की तरह बर्फ गिर रही थी। नीचे धरती पर किसान-बागवान मस्ती में लोकगीतों की धुन पर झूम रहे थे। किसानों के नृत्य का ये वीडियो जमकर वायरल हो रहा है। लोग इसे खूब पसंद भी कर रहे हैं। किसानों के हाथों में लकड़ी काटने वाली छोटी कुल्हाड़ियां भी नजर आ रही हैं।

इससे पूर्व कुछ दिन पहले चकराता सहित देहरादून जिले की ऊंची पहाड़ियों पर पहला हिमपात हुआ था। सोमवार को मौसम ने करवट बदली और जौनसार बावर के ऊंचाई वाले क्षेत्रों में सीजन की दूसरी बर्फबारी हुई है। इससे ठंड में इजाफा देखने को मिला है। दूसरी तरफ किसानों के लिए यह बर्फबारी किसी वरदान से कम नहीं है।

चकराता के ग्राम पंचायत मुंगाड़, मुंडोई, कचाणू में जमकर बर्फबारी हुई। स्थानीय निवासी कलम सिंह चौहान, अतर सिंह चौहान, मेहर सिंह चौहान, नेपाल चौहान, सूरत चौहान, मोहर सिंह, सचिन चौहान, खजान चौहान और पीयूष नामक ग्रामीण किसानों ने बर्फबारी के दौरान अपनी पारम्परिक वेशभूषा में बर्फ के बीच हारुल नृत्य कर खुशी का इजहार किया।

गंगोत्री, यमुनोत्री और हर्षिल घाटी में बर्फबारी
उत्तराखंड में हुई सीजन की पहली बर्फबारी