बंजर भूमि पर होगी सुगंधित फसलों की खेती : उनियाल

Subodh uniyal
पंतनगर । पंतनगर विश्वविद्यालय के रतन सिंह सभागार में पंडित दीनदयाल उपाध्याय एवं नानाजी देशमुख की जन्म शताब्दी पर चल रही राष्ट्रीय संगोष्ठी एकात्म मानव दर्शन का व्यवहारिक स्वरूप भारत के समेकित विकास के प्रयास के उपान्तिम सत्र में आज उत्तराखण्ड के कृषि मंत्री सुबोध उनियाल एवं वित्त मंत्री प्रकाश पंत मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित थे। कार्यक्रम की अध्यक्षता कुलपति डा. जे. कुमार ने की। इस अवसर पर उत्तरांचल उत्थान परिषद के उपाध्यक्ष प्रेम बड़ाकोटी भी मंचासीन थे।

कृषि मंत्री उनियाल ने कहा कि दीनदयाल उपाध्याय एवं नानाजी देशमुख के एकात्मवाद एवं अंत्योदय को साकार करना अब अधिक सम्भव है, क्योंकि दश के चार संवैधानिक पदों पर एक ही पार्टी के लोग आसीन हैं। उनियाल ने उत्तराखण्ड में, विशेष रूप से पर्वतीय क्षेत्रों में, खेती एवं किसान की दशा सुधारने के लिए उनके मंत्रालय द्वारा किए जा रहे विभिन्न कार्यों की जानकारी दी, जिसमें उन्होंने स्वैच्छिक चकबंदी को कानूनी मान्यता दिया जाना, फसल बीमा के लिए पर्वतीय क्षेत्रों में भी न्याय पंचायत को मानक बनाना, गुणवत्तायुक्त पौध किसानों को उपलब्ध कराने के लिए नर्सरी एक्ट, जैविक खेती एक्ट, अटल हर्बल मिशन में 46 लाख पौध उपलब्ध कराने, बंजर भूमि पर सुगंधी फसलों की खेती, जंगली जानवरों से निजात दिलाने के लिए जंगलों में फलदार वृक्षों का रोपण, इत्यादि के बारे में बताया।

वित्त मंत्री प्रकाश पंत ने एकात्म मानव दर्शन को एकात्मता एवं मानववाद दोनों का योग बताया। उन्होंने चार पुरूषार्थ, धर्म, अर्थ, काम, मोक्ष, वाले मानव को ही पूर्ण मानव बताया जो समाज के लिए चिंतन करेगा और ऐसे मानवों से युक्त समाज समिष्टि एवं सृष्टि का चिंतन करेगा। उन्होंने एकात्म मानव दर्षन को भारतीय दर्शन का मूल सिद्धान्त बताते हुए इसे सृष्टि के लिए उत्कृष्ट मानव का निर्माण करने वाला बताया। केन्द्र एवं राज्य सरकार द्वारा जीएसटी को लागू करने के पीछे भी अर्थ के अभाव को दूर करने का उन्होंने प्रयास बताया।

कुलपति डा. जे. कुमार ने अपने अध्यक्षीय संबोधन में कहा कि कृषि के विकास के लिए पर्वतीय क्षेत्र के गांवों को सड़क से जोड़ना होगा, औद्यानिक फसलों का उच्च गुणवत्तायुक्त प्रवर्धन सामग्री की उपलब्धता एवं प्रसार कार्यकर्ताओं की किसानों तक पहुंच बढ़ानी होगी। इस दौरान राजेश थपलियाल प्रगतिशील कृषक सुधीर चढ्ढा, प्रेम बड़ाकोटी, डा. नंदिता पाठक, डा. एसके कश्यप एवं विद्यार्थी उपस्थित थे।