Fear of dengue
देहरादून। Fear of dengue मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने प्रदेश में डेंगू रोग पर नियंत्रण एवं प्रभावी रोकथाम के लिये कारगर एवं समेकित प्रयासों की जरूरत बतायी है। उन्होंने इस सम्बन्ध में स्वास्थ्य विभाग के साथ ही सभी जिलाधिकारियों को सर्तकता एवं समन्वय से कार्य करने को कहा है।
उन्होंने इस रोग के प्रति जन जागरूकता के प्रसार तथा स्वच्छता एवं सफाई पर विशेष ध्यान देने के भी निर्देश दिये हैं। मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र ने शनिवार को सचिवालय में डेंगू रोग की रोकथाम के सम्बन्ध में किये जा रहे प्रयासों की शासन के उच्चाधिकारियों, सभी जिलाधिकारियों एवं मुख्य चिकित्सा अधिकारियों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से समीक्षा की।
उन्होंने डेंगू के प्रति सजग रहने तथा इसके लिये नियमित रूप से फॉगिंग एवं इसके लार्वा की जांच करने के निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि डेंगू के प्रति लोगों में व्याप्त खौफ ( Fear of dengue ) के वातावरण को समाप्त करने की जरूरत है।
इसके लिये स्वास्थ्य विभाग, आशा, आंगनबाड़ी, ए.एन.एम, सिविल सोसाइटी के साथ नियमित रूप से जन जागरूकता अभियान संचालित किया जाए। मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र ने सभी जिलाधिकारियों से अपने कार्यालयों में सिंगल यूज प्लास्टिक का उपयोग सख्ती के साथ बंद करने को कहा है।
जन जागरूकता के प्रसार पर ध्यान देने को कहा
उन्होंने इसके उपयोग से होने वाले नुकसान के सम्बन्ध में भी जन जागरूकता के प्रसार पर ध्यान देने को कहा है। मुख्यमंत्री ने जल जनित रोगों के प्रति भी प्रभावी नियंत्रण की कार्यवाही सुनिश्चित करने के निर्देश दिये। इसके लिये ग्राम समूह पेयजल योजनाओं में भी क्लोरेशन की व्यवस्था करने, नियमित रूप से फॉगिंग व साफ-सफाई की व्यवस्था पर ध्यान देने को कहा।
इससे बीमारियों पर हम प्रभावी नियंत्रण करने में सफल हो सकेंगे। मुख्यमंत्री ने डेंगू के उचित ईलाज के लिये होने वाली जांच में आई.एम.ए. व निजी पैथोलॉजी से समन्वय बनाकर इसके लिये वास्तविक फीस का निर्धारण किये जाने के भी निर्देश दिये।
बैठक में बताया गया कि प्रदेश में डेंगू रोगियों की संख्या 2595 हैं। स्वास्थ्य विभाग प्रत्येक रोगी के स्वास्थ्य के प्रति सजग है व सभी भर्ती रोगियों के स्वास्थ्य पर निरन्तर निगरानी रखी जा रही है। डेंगू रोग एक स्वतः ठीक होने वाला साधारण मौसमी वायरल रोग है, जो हर वर्ष मानसून के साथ ही फैलता है।
डेंगू रोग से निपटने के लिये सरकार एवं स्वास्थ्य विभाग पूर्ण रूप से तैयार है।इस वर्ष डेंगू रोग के बढ़ते प्रभाव को देखते हुए जनपद देहरादून में 03 व जनपद नैनीताल में 01 अतिरिक्त निःशुल्क डेंगू एलीसा जांच केन्द्र क्रियान्वित किया गया है।
वर्तमान में देहरादून में 04(दून चिकित्सालय, कोरोनेशन, गांधी शताब्दी व एस.पी.एस. ऋषिकेश), हरिद्वार में 01(मेला चिकित्सालय), नैनीताल में 02(मेडिकल कालेज, बेस चिकित्सालय), ऊधमसिंहनगर में 01 (जिला चिकित्सालय) व पौड़ी में 01(जिला चिकित्सालय) जांच केन्द्र संचालित है।
डेंगू मरीजों को जांच सुविधा उपलब्ध करायी जा रही
निःशुल्क जांच केन्द्रों के माध्यम से सरकारी एवं निजी चिकित्सालयों के संदिग्ध डेंगू मरीजों को जांच सुविधा उपलब्ध करायी जा रही है। सरकारी जांच केन्द्रों में समस्त डेंगू मरीजों जिसमें निजी चिकित्सालयों के मरीज भी सम्मिलित हैं व नये जांच केन्द्र भी खोले गये हैं।
जिस कारण डेंगू मरीजों की संख्या में वृद्धि हुई है। वर्तमान तक डेंगू रोग से 04 मृत्यु(पुष्टिगत डेंगू) जनपद देहरादून से दर्ज हुई है, जो पूर्व से अन्य रोग से ग्रसित थे।
जनपद देहरादून में विभाग द्वारा 50 हजार से ज्यादा घरों में जाकर लगभग 03 लाख की आबादी में घरों में जाकर डेंगू के लार्वा पनपने के स्थानों को नष्ट किया गया तथा इन क्षेत्रों के लोगों को डेंगू के लार्वा के बारे में जागरूक किया गया।
बैठक मे सचिव वित्त अमित नेगी, राधिका झा, अरविन्द सिंह हयांकी, एस.ए. मुरूगेशन, सोनिका, अपर सचिव अरूणेन्द्र सिंह चैहान के साथ ही अन्य अधिकारी उपस्थित थे।
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