डॉक्टर के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने के आदेश

FIR against doctor
FIR against doctor

रुद्रप्रयाग। विगत चार जुलाई को कांडा निवासी श्रीमती आशा देवी की प्रसव के दौरान हुई मौत की मजिस्ट्रीयल जांच आने के बाद जिलाधिकारी ने पुलिस अधीक्षक को परिजनों की ओर से तहरीर दिये जाने पर चिकित्सक के खिलाफ एफआईआर दर्ज ( FIR against doctor ) करने के आदेश दिये हैं। साथ ही मुख्य चिकित्सा अधीक्षक एवं मुख्य चिकित्सा अधिकारी को घटना में संलिप्त चिकित्सकों के विरूद्ध विभागीय कार्यवाही शुरू किये जाने के निर्देश दिये हैं।

दरअसल, विकासखण्ड अगस्त्यमुनि के ग्राम काण्डा निवासी देवेश्वर प्रसाद थपलियाल ने पत्नी आशा देवी की प्रसव के दौरान हुई मौत की जांच की मांग की थी, जिसके बाद जिलाधिकारी ने मामले की गंभीरता को समझते हुए उप जिलाधिकारी देवानंद को मजिस्ट्रीयल जांच कर रिपोर्ट उपलब्ध कराने को कहा।

उप जिला अधिकरी ने जांच रिपोर्ट में बताया कि जिला चिकित्सालय में तैनात सीनियर गाइनोकोलोजिस्ट डाॅ अर्चना वर्मा ने गर्भवती महिला श्रीमती आशा देवी की लगभग पांच घंटे तक देखभाल नहीं की और महिला चिकित्साधिकारी डाॅ प्रांजल थापा के कहने पर भी गर्भवती महिला को रात्रि साढ़े दस बजे तक नहीं देखा। डाॅ प्रांजली ने बिना वरिष्ठ गाइनोकोलोजिस्ट की राय लिये बगैर ही आशा देवी को उच्च सेंटर के लिए रेफर कर दिया गया।

लापरवाही के कारण आशा देवी एवं उसके नवजात शिशु की मृत्यु हुई

चिकित्सकों द्वारा बरती गयी गंभीर लापरवाही के कारण आशा देवी एवं उसके नवजात शिशु की मृत्यु हुई। उप जिलाधिकारी ने जिलाधिकारी को प्रेषित मजिस्ट्रीयल जांच रिपोर्ट में श्रीमती आशा देवी को समयान्तर्गत रेफर न किये जाने और ना ही सीजेरीयन आॅपरेशन किये जाने, चिकित्सा वाहन में उपचार सामग्री न होना, डाॅ प्रांजली द्वारा डाॅ अर्चना वर्मा गाइनोकोलोजिस्ट को दस बजकर पैंतालिस मिनट के बाद कोई फोन न किये जाने, जिला चिकित्सालय में डाॅक्टरों एवं पैरामेडिकल स्टाॅफ का आपसी समन्वय का अभाव होने, जिला चिकित्सालय में चिकित्सकों द्वारा आशा देवी के परिजनों से प्रसव के संबंध में लिखित रूप से सहमति प्राप्त न करने और चिकित्सालय द्वारा पार्टोग्राफ न बनाये जाने सहित गंभीर लापरवाही पायी गयी है।

प्रकरण की गंभीरता एवं उप जिला मजिस्ट्रेट की जांच रिपोर्ट के आधार पर जिलाधिकारी द्वारा दोषी चिकित्सक के विरूद्ध प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज करने के साथ ही मुख्य चिकित्सा अधिकारी एवं मुख्य चिकित्सा अधीक्षक को घटना में संलिप्त चिकित्सकों के विरूद्ध विभागीय कार्यवाही शुरू करने के निर्देश दिये हैं।

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