Forest mafia fearlessly cutting trees
आए दिन काटे जा रहे मोटे-मोटे आम के फलदार वृक्ष
जिम्मेदार अधिकारियों की उदासीनता के चलते सरकार की मंशा पर फिर रहा पानी
धर्मेंद्र कुमार के साथ शादाब अली की रिपोर्ट
उन्नाव कोतवाली साफीपुर| Forest mafia fearlessly cutting trees जहां एक ओर सरकार पर्यावरण को संरक्षण प्रदान करने के लिए हर जतन कर रही है। ताकि पर्यावरण संतुलन बना रहे। जिसको लेकर सरकार पानी की तरह रुपए बहाकर लगातार वृक्षारोपण एवं जागरूकता अभियान चला रही है।
ग्रीन यूपी, क्लीन यूपी बनाने के लिए सरकार सभी से वृक्षारोपण करने की अपील कर रही है। वहीं दूसरी ओर पुलिस एवं वन विभाग की उदासीनता के चलते वन माफिया बेखौफ होकर हरियाली पर आरा चला रहे हैं।
चर्चा है कि वन विभाग और पुलिस के कुछ कर्मचारियों की साठ-गांठ से वन माफिया बेखौफ होकर प्रतिबंधित हरे पेड़ों पर आरा चला रहे हैं। जिसका जीता जागता उदाहरण थाना क्षेत्र दरौली गांव में जहां सिंघम लेडी बीनू सिंह ने रंगे हाथ दो ट्रैक्टर एक ट्रक को रंगे हाथ पकड़ा था लेकिन अब उनके जाते ही फिर वही नजारे आम हो गए हैं के न मजरे देखा जा सकता है जहां फलदार आम के पेड़ों की धड़ल्ले से कटाई की जा हैं वन विभाग जान कर भी अंजान बना हुआ है। ज्ञात हो|
साफीपुर थानाध्यक्ष थाने की कमान संभालते समय क्षेत्रीय जनप्रतिनिधियों एवं पत्रकारों से वार्ता करते हुए कहा था कि उनके रहते क्षेत्र में एक भी प्रतिबंधित पेड़ की अवैध कटान नहीं होगी। लेकिन आलम यह है कि थाने से चन्द किलोमीटर व पुलिस के चेकिंग से करीब एक किलोमीटर की दूरी पर ही पिछले दो दिनों से बिल्कुल स्वस्थ्य हरे भरे फलदार मोटे- मोटे आम के पेड़ काटे जा रहे हैं।
वन माफियाओं को ना तो वन विभाग का खौफ है और ना ही पुलिस का डर। क्षेत्र के लोगों का कहना है कि धड़ल्ले से हो रही पेड़ों की कटान कहीं ना कहीं वन रक्षकों की संलिप्तता की ओर संकेत करती है।
कोविड-19 संकटकाल में पड़े ऑक्सीजन के आकाल के बाद भी हो रही पेड़ों की कटान चिंता का विषय बनी हुई है। थानाध्यक्ष उन्होंने कहा वन विभाग के अधिकारियों से बात करो। वहीं जब डीएफओ से बात की गई तो उन्होंने बताया कि मामले की जानकारी की जा रही।
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