मुगल बादशाह अकबर आजम ने अपने विशेष मंत्री बीरबल को आदेश दिया कि साम्राज्य में से चार सबसे मूर्ख लोगों को एक महीने में खोज करके मेरे सामने पेश किया जाए।
एक महीने के कड़े संघर्ष के बाद बीरबल ने केवल 2 मूर्खों को पेश किया। अकबर ने नाराजगी व्यक्त करते हुए कहा कि उसने चार मूर्खों को पेश करने के लिए कहा था। बीरबल ने अर्ज किया जहाँपनाह ‘मुझे एक-एक करके मूर्खों को पेश करने की अनुमति दी जाए।’
बीरबल ने पहला मूर्ख पेश करते हुए कहा, यह बड़ा मूर्ख इसलिए है कि बैलगाड़ी में सवार होने के बावजूद इसने अपना समान अपने सिर उठाया हुआ था।
दूसरे मूर्ख पेश करते हुए कहा, ‘इस व्यक्ति के घर की छत पर बीज पड़े थे। बीज के कारण छत पर घास उग आये। यह व्यक्ति अपने बैल लकड़ी की सीढ़ी से छत पर ले जाने की कोशिश कर रहा था, ताकि बेल छत पर चढ़ कर घास चर ले। उसके बादबीरबल ने कहा जिल्ले इलाही … बतौर मंत्री मुझे महत्वपूर्ण मामलों से साम्राज्य चलाने होते हैं। मगर मैंने एक महीने खराब कर दिया, और केवल 2 मूर्ख खोज लाया इसलिए तीसरा मूर्ख में खुद हूँ ‘उसके बादबीरबल ने डरकर जरा सा ठहराव किया। तो अकबर चिलाया’ चौथा मूर्ख कौन है’
बीरबल ने अर्ज किया ‘महाराज जान की अमानत मिले तो अर्ज करूँ ???
अनुमति मिलने पर उस ने कहा ‘आप सम्राठ हैं, और सभी विषयों और राज्य के मामलों को चलाने के लिए जिम्मेदार हैं। मगर काबिल और विशेष व्यक्तियों को खोजने के बजाय आप सबसे मूर्ख लोगों को खोजने में न केवल अपना समय बर्बाद क्या, बल्कि राज्य के एक महत्वपूर्ण मंत्री का समय बर्बाद किया तो चैथे मूर्ख आप हैं।’