देहरादून । कुंमाऊं में माओवादी गतिविधिया रोकना पुलिस-प्रशासन के लिए चुनौती बना हुआ। इसके समाधान के लिए प्रभावित क्षेत्रों में चार नये थाने खोलने पर विचार किया जा रहा है। इसके साथ चार पुराने थानों में राजस्व क्षेत्र के उन गांवों को भी शामिल करने की योजना है, जहां माओवादयों की सक्रियता सामने आ रही है। पुलिस मुख्यालय ने नये थाने और चोकिय का प्रस्ताव स्वीकृति के लिए शासन को भेज दिया है। विदित रहे कि अभी हाल ही में छत्तीसगढ़ के सुकता में हुए नक्सली हमले के बाद प्रदेश सरकार भी माओवादी गतिविधियों को लेकर काफी गंभीरता आगे बढ़ रही है। मुख्यमंत्राी त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने पुलिस अधिकारियों के साथ बैठक कर माओवाद पर लगा कसने के लिए कार्ययोजना बनाने के निर्देश दिए थे। इस कड़ी में एमए, गणपति ने आईजी कार्मिक जीएस मर्ताेलिया को नये थाने और चैकियों का प्रस्ताव बनाने को कहा था। पुलिस मुख्यालय ने माओवाद की सक्रियता के मद्देनजर धरी, ओखलकांडा, खडस्यूं और बिंदुखत्ता में नये थाने खोलने का प्रस्ताव दिया है। साथ ही अल्मोड़ा जिले में तीन चैकी का भी प्रस्ताव है।
इसके अलावा पहले से ही संचालित मुत्तफेश्वर, भीमताल, सोमेश्वर कौसानी थानो की सीमा को भी बढ़ाने का प्रस्ताव दिया है। इन थानों राजस्व क्षेत्रा के वह गांव शामिल होंगे, जहां माओवादी अपनी उपस्थिति दर्ज करा चुके हैं। बता दें कि 2004 से लेकर अब तक लगातार माओवादियों की सक्रियता सामने आ रही हें विधानसभा चुनाव से पहले पर्चे बांटे गए हैं। अभी चंद रोज पहले गांवों दीवार लेखन व पर्चे मिलने से पुलिस प्रशासन में हड़कंप मचा हुआ है। विदित रहे कि उत्तराखंड में दो मंडल कुमांऊ और गढ़वाल हैं। कुमाऊं मण्डल की सीमा नेपाल से मिलती है। नेपाल में माओवादियों की सक्रियता का प्रभाव कुमाऊं के बड़े क्षेत्राफल पर रहा है। भले ही आज नेपाल में लोकतांत्रिक व्यवस्था स्थापित हो चुकी है। फिर पर माओत्से के विचारों से अभी कई लोग प्रभावित हैं। जिसका असर उत्तराखण्ड के कई जिलों में दिखाई दे रहा है।