Fraudsters arrested in the name of fixing Paytm
देहरादून| Fraudsters arrested in the name of fixing Paytm देश के अलग अलग राज्यों में घूम घूमकर दुकानदारों को पेटीएम स्कैनर लगाने व पेटीएम ठीक करवाने के नाम पर उनका सिम को अपने मोबाइल फ़ोन में लगाकर उनका नंबर स्वयं के पेटीएम में रजिस्टर कर उनके एकाउंट में सेंध मारने वाले एक अर्न्तराज्जीय गिरोह को रायपुर पुलिस द्वारा कल देर शाम स्टेडियम तिराहा, थानो रोड़ से गिरफ्तार कर लिया है।
पकड़े गए अभियुक्तों द्वारा अलग अलग राज्यों में 8 घटनाओं में कुल साढ़े छः लाख रूपये की ठगी की है। अभियुक्तों द्वारा थाना रायपुर में बीती 19 अप्रैल को घटना को अंजाम देने के बाद पुनः ठगी करने को देहरादून आये है। पुलिस ने अभियुक्तों के पास से 9 मोबाईल फोन, 3 सिम कार्ड, 27 PAYTM कार्ड, 60 PAYTM स्कैनर पेज, 81 नेशन एक्सप्रेस कम्पनी के कार्ड, घटना में प्रयुक्त स्कूटी की बरामद, तीन बैक खातों को सीज किया है।
वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक देहरादून दलीप सिंह कुंवर ने बताया कि बीती 12 अप्रैल को देवपाल सजवान निवासी- सुंदरवाला रायपुर की दुकान पर कुछ अज्ञात लोगों द्वारा आने के दौरान पेटीएम स्कैनर ठीक कराने के नाम पर वादी का पेटीएम ऐप हैक कर वादी के खाते से एक लाख 40 हजार रूपये की ठगी कर ली गयी थी।
मामले में अभियुक्तों की धरपकड़ को थाना रायपुर स्तरीय तीन टीमो का गठन किया गया था व मामले की विवेचना उपनिरीक्षक रविन्द्र सिंह नेगी द्वारा की जा रही थी।
195 सीसीटीवी कैमरे को चैक किया गया
उपनिरीक्षक रविन्द्र नेगी के नेतृत्व में गठित पहली पुलिस टीम द्वारा घटनास्थल के आस-पास घटना से पूर्व व घटना के पश्चात के कुल 195 सीसीटीवी कैमरे को चैक किया गया। जिसमें पुलिस को घटना से कुछ दिनों पूर्व वादी की दुकान में दो संदिग्ध व्यक्ति घूमते हुये दिखाई दिये, जिनके द्वारा दुकान की रेकी के पश्चात कुछ दूरी पर स्थित पेट्रोल पम्प के पास खड़े साथी के साथ संदिग्ध स्कूटी के साथ एक अन्य व्यक्ति खडा दिखाई दिया।
घटना की सीसीटीवी फुटेज में पुलिस को आरोपियों द्वारा उसी स्कूटी सवार के साथ बैठकर आईएसबीटी जाते हुए दिखाई दिए। जहां से एक व्यक्ति द्वारा बस व बाकी दो स्कूटी से ही सहारनपुर की ओर जाते दिखे। पुलिस द्वारा सीसीटीवी के आधार पर उक्त स्कूटी को ट्रैक किया गया तो उक्त स्कूटी देवबंद टोल टैक्स के कैमरो में ट्रेस हुई जिसमें पुलिस को उस गाड़ी का नंबर दिल्ली का होना पाया गया।
जिसके बाद व0उ0नि0 नवीन जोशी के नेतृत्व में गठित दूसरी टीम द्वारा दिल्ली में उक्त वाहन की जानकारी करने पर वाहन स्वामी गौरव निवासी-मंडोली दिल्ली का होना पाया गया।
पुलिस टीम उक्त पत्ते पर छापेमारी के दौरान अभियुक्त मौके से फरार मिला। इस दौरान पुलिस टीम द्वारा उक्त वाहन रजिस्ट्रेशन नंबर के साथ उपलब्ध मोबाइल नंबर का घटना वाले दिन घटनास्थल के पास ही होने की पुष्टि की। जिस पर पुलिस टीम द्वारा अभियुक्तों की जानकारी को मुखबिरों को भी सक्रिय कर दिया।
इस दौरान पुलिस को अभियुक्तों के द्वारा दोबारा किसी ठगी को अंजाम देने को देहरादून आने की सूचना दी गयी। तीनो पुलिस टीमो द्वारा दिल्ली तथा हरिद्वार से देहरादून आने वाले अलग-अलग रास्तों पर चेकिंग अभियान चलाते हुए कल बुधवार देर शाम गौरव(26) पुत्र रामानंद व हिमांशु(23)पुत्र तेजपाल निवासी 11/395 निवासी-मकान नंबर 518 गली नंबर 12 मंडोली एक्सटेंशन थाना हर्ष विहार|
नोटिफिकेशन अलर्ट बंद कर दिया जाता था
दिल्ली व सुशील कुमार(26) पुत्र कालूराम निवासी बी 206 तेजराम गली मकान नंबर 01, सुभाष मोहल्ला गोंडा, थाना भजनपुर, दिल्ली को स्टेडियम तिराहा, थानो रोड़ से गिरफ्तार किया। पुलिस टीम ने अभियुक्तों के पास से 9 मोबाईल फोन, 3 सिम कार्ड, 27 PAYTM कार्ड, 60 PAYTM स्कैनर पेज, 81 नेशन एक्सप्रेस कम्पनी के कार्ड, घटना में प्रयुक्त स्कूटी बरामद की है।
वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक ने बताया कि तीनों दोस्त है व पहले एक साथ नेशन एक्सप्रेस कम्पनी में काम करते थे किंतु तनख्वाह कम होने के चलते उन्होंने नौकरी छोड़ दी व ऑनलाइन, दुकानों में पेटीएम स्कैनर लगाने का काम सीखा।
उन्होंने बताया कि अभियुक्तों द्वारा अलग-अलग शहरों की दुकानों में जाकर नया पेटीएम स्कैनर लगाने एंव पेटीएम को ठीक करने के नाम पर दुकानदारो से उनका मोबाइल फोन लिया जाता है जिससे सिम निकालकर अपने मोबाइल में लगाकर उक्त नम्बर से अपने फ़ोन के पेटीएम रजिस्टर्ड किया जाता है तथा दुकानदार की पेटीएम की प्रोफाईल सेंटिग में नोटिफिकेशन अलर्ट बंद कर दिया जाता था।
जिसके बाद वह लोगो दुकानदारों को उनका सिम वापिस कर चले जाते व 48 घंटे तक उक्त पेटीएम का एक्सेस होने के दौरान ही उससे ट्रांसेक्शन कर लोगो से ठगी करते थे।
अभियुक्तो द्वारा उक्त धनराशि अपने रिश्तेदार, दोस्त एंव दिल्ली में सतीश के बताए फर्जी खातों में डाली गई है,जोकि अपना कमीशन काट इन लोगो को बाकी पैसे दे दिए जाते थे। उनके द्वारा देहरादून में दो जगह, रुड़की-हरिद्वार में एक जगह तथा दिल्ली में 03 जगह व गाजियाबाद उ0प्र0 में 02 जगह इसी प्रकार का फ्राँड कर लगभग छह लाख पचास हजार (6,50,000/- रुपये) की ठगी की गयी है।
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